अंतरिक्ष में कैसे इस्तेमाल होता है टॉयलेट? क्या मल को वहीं छोड़ आते हैं एस्ट्रोनॉट्स, जानें चौंकाने वाली सच्चाई

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 08:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क। धरती से अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री लगातार आते-जाते रहते हैं। वे वहाँ कई-कई दिनों तक रहकर प्रयोग करते हैं। ऐसे में अंतरिक्ष में इंसानों के लिए बुनियादी सुविधाओं का होना तो ज़रूरी है ही। यह बात तो सभी जानते हैं कि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है इसलिए ज़ीरो ग्रैविटी के कारण अंतरिक्ष यात्री वहाँ हवा में तैरते हुए नज़र आते हैं। जब भी आपने उन्हें देखा होगा उनके पाँव सतह से जुड़े नहीं होते। ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि वे शौचालय का इस्तेमाल कैसे करते होंगे और क्या मानव मल को अंतरिक्ष में ही छोड़कर चले आते हैं? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

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अंतरिक्ष में कितना मानव मल इकट्ठा? 

कुछ समय पहले नासा (NASA) ने लोगों को एक अनोखा टास्क दिया था। इसे पूरा करने पर वह लोगों को 30 लाख डॉलर (लगभग ₹26 करोड़) दे सकता था। इसके ज़रिए नासा ने 'लूनारिसाइकल चैलेंज' की घोषणा की थी। इसमें लोगों को अंतरिक्ष में टॉयलेट वेस्ट को रिसाइकिल करने के लिए इनोवेटिव आइडियाज़ भेजने थे।

इसी दौरान यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी कि नासा के अपोलो मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री 96 बैग भरकर गंदगी चाँद पर छोड़कर आए हैं लेकिन सवाल यह है कि अंतरिक्ष यात्री मल को वहीं पर छोड़कर क्यों आते हैं? क्या इसको वहाँ डिस्पोज करने का कोई तरीका नहीं है?

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क्यों अंतरिक्ष में छोड़ आते हैं 'पूप' और कैसे होता है निपटान?

अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स अपना मल (पूप) वहीं पर छोड़कर आते हैं क्योंकि अंतरिक्ष में वैक्यूम टॉयलेट होता है। इसी वैक्यूम टॉयलेट की मदद से मल एक टैंक में इकट्ठा हो जाता है। बाद में इस टैंक को एक ख़ास कार्गो पर लोड किया जाता है। जब इसको धरती के वायुमंडल में वापस लाया जाता है तो धरती की ऑर्बिट में आने पर यह जल जाता है। इस वजह से अंतरिक्ष में कचरा तैरने से बच जाता है।

अंतरिक्ष में टॉयलेट की बात करें तो वहाँ भी एस्ट्रोनॉट्स के लिए ख़ास तरह का टॉयलेट होता है जो देखने में आम टॉयलेट जैसा ही होता है। लेकिन यह पूरी तरह से हैंडहेल्ड और फुटहोल्ड होता है जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को उस पर शून्य गुरुत्वाकर्षण में बैठने में कोई दिक्कत न हो।

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स्पेस में कैसे होता है टॉयलेट का इस्तेमाल?

यह एक वैक्यूम टॉयलेट होता है जो हवा के ज़रिए कचरे को टैंक में लेकर जाता है। इसके अलावा पेशाब के लिए भी ख़ास तरीके का पाइप होता है। यह भी एक वैक्यूम पाइप की तरह होता है जिसका इस्तेमाल एस्ट्रोनॉट्स पेशाब के लिए करते हैं। अंतरिक्ष में यूरिन और शौच के लिए अलग-अलग टॉयलेट होते हैं। यूरिन को एक अलग टैंक में रखा जाता है जिससे बाद में उसको रिसाइकिल करके पीने के काम में लाया जाता है। यह प्रक्रिया अंतरिक्ष में पानी की कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस तरह अंतरिक्ष यात्री अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करते हैं जबकि वैज्ञानिक लगातार इस कचरे के बेहतर प्रबंधन के लिए नए तरीके खोज रहे हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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