चोरी से गोद दिए इस बच्चे ने 41 साल बाद खोज निकाली मां, भावुक कर देगी कहानी (Pics)
punjabkesari.in Wednesday, Nov 27, 2019 - 12:32 PM (IST)
सिडनीः दुनिया में सबसे ज्यादा मां के रिश्ते को सम्मान दिया जाता है। बेशक इस धरती पर इंसान ऐशो-आराम की जिंदगी बिता रहा हो लेकिन मां की कमी किसी अन्य चीजों से पूरी नहीं की जा सकती है। कुछ ऐसा ही इस शख्स के साथ हुआ जिसने 41 साल बाद अफनी मां को खोज निकाला। यह शख्स अपनी मां को खोजते-खोजते सात समंदर पार आ गया।
दरअसल, डेनमार्क के रहने वाले डेविड नील्सन 41 साल बाद अपनी सगी मां से मिलने भारत पहुंचे। डेविड अपनी मां को पिछले छह सालों से खोज रहे थे। इसी दौरान उन्हें पता चला कि उनकी मां फिलहाल मनाली में हैं। इस बात का पता चलते ही वो अपनी मां से मिलने मनाली पहुंच गए। इतने सालों बाद अपने बेटे से मिल डेविड की मां बस 'मेरा बेटा, मेरा बेटा' पुकारती रही। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डेविड अपनी मां के साथ तमिलनडु के पल्लावरम के एक चाइल्ड होम में रहते थे। चाइल्ड होम ने बिना किसी सूचना के डेविड को गोद दिए जाने वाले बच्चों की सूची में शामिल कर लिया। जब डेविड की उम्र महज दो साल थी तभी डेनमार्क के एक दंपति ने डेविड को गोद ले लिया।
हैरान करने वाली बात ये रही कि इस बात की जानकारी डेविड की मां को भी नही हुई। डेविड की उम्र 43 साल है और वो डेनमार्क में ही बॉन्ड ट्रेडर हैं। बता दें, एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर की मदद से डेविड ने अपनी मां को खोज निकाला। डेविड के दोस्तों और वकीलों ने भी उनकी मां को खोजने में भरपुर सहयोग दिया। अपनी मां से मिल डेविड ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही भावनात्मक पल है।चेन्नई कॉर्पोरेशन के रिकॉर्ड के मुताबिक डेविड का जन्म 3 अगस्त 1976 को हुआ था और उनके माता पिता का नाम धनलक्ष्मी और कालियामूर्ती है। डेविड की मां धनलक्ष्मी मनाली में लोगों के घरों में काम करती हैं और वह अपने सबसे छोटे बेटे सरवनन के साथ रहती हैं।
डेविड के माता-पिता बहुत गरीब थे इसलिए उन्होंने अपने 2 बेटों को पल्लवरम के चाइल्ड होम में दे दिया और वह खुद भी वहीं रहने लगी थी। एक दिन वहां के प्रशासन ने धनलक्ष्मी को चाइल्ड होम छोड़ने के लिए कहा और वह जाने से पहले अपने बच्चों को लेने गईं तो उन्हें बताया गया कि उनके बच्चों को गोद ले लिया गया है। लेकिन धनलक्ष्मी को प्रशासन ने इस बात का भरोसा दिलाया था कि डेनमार्क में उनके बच्चों को अच्छी जिंदगी मिलेगी। अपनी मां को खोजने के बाद डेविड को अपने बड़े भाई रंजन के बारे में पता चला। रंजन को भी डेनमार्क के एक परिवार ने गोद लिया था और अब उसका नाम मार्टिन मैनुअल रासमुसेन है।