Jobs in Russia: 2 लाख सैलरी, सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी, रूस गए एक दर्जन भारतीय युवा हुए ‘लापता’
punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2025 - 09:28 AM (IST)
नेशनल डेस्क: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन यह संघर्ष अब भी जारी है। इस युद्ध की परछाईं भारत के उत्तर प्रदेश के दो जिलों—आजमगढ़ और मऊ—पर भी पड़ी है। यहां से दर्जनों युवा पिछले साल बेहतर जिंदगी और आकर्षक वेतन के वादे के साथ रूस गए थे। उन्हें सुरक्षा गार्ड, सहायक और रसोइये की नौकरी के लिए 2 लाख रुपये प्रति माह वेतन का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन यह वादे झूठे निकले। इन युवाओं को युद्ध के मैदान में जबरन भेज दिया गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और दो घायल होकर घर लौट आए।
युवाओं को झांसे में लेकर भेजा रूस
भारत में बेरोजगार युवाओं के लिए पिछले साल रूस में नौकरियों के विज्ञापन जारी किए गए थे। इसमें सुरक्षा गार्ड, सहायक और रसोइये जैसे पदों पर काम करने का दावा किया गया। लेकिन रूस पहुंचने के बाद इन युवाओं को धोखे से एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करवाए गए, जो रूसी भाषा में था। इसके तहत उन्हें युद्ध की ट्रेनिंग दी गई और सीधे युद्धक्षेत्र में भेज दिया गया।
मौत का दर्दनाक आंकड़ा:
- आजमगढ़ के कन्हैया यादव।
- मऊ के श्यामसुंदर और सुनील यादव।
इन तीनों युवकों ने युद्ध में अपनी जान गंवा दी।
लापता और घायल युवाओं की स्थिति
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लापता:
आठ लोग, जिनमें विनोद यादव, योगेंद्र यादव, अरविंद यादव, रामचंद्र, अजहरुद्दीन खान, हुमेश्वर प्रसाद, दीपक और धीरेंद्र कुमार शामिल हैं, का कोई पता नहीं चल पाया है। इनके परिवार अब भी उनकी वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं। -
घायल:
दो युवक—आजमगढ़ के राकेश यादव और मऊ के बृजेश यादव—घायल अवस्था में भारत लौट आए हैं।
धोखे की साजिश
वापसी के बाद राकेश यादव ने खुलासा किया कि एजेंट ने उन्हें सुरक्षा गार्ड की नौकरी का झांसा दिया था। रूस पहुंचने पर जबरन एक रूसी भाषा के एग्रीमेंट पर साइन कराए गए। इसके बाद उन्हें बम फेंकने, रॉकेट दागने और हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। जब उन्होंने सवाल किया, तो इसे "सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग" बताया गया।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि रूसी सेना में सेवा के दौरान 12 भारतीय अब तक मारे जा चुके हैं, जबकि 16 भारतीय लापता हैं। यह हृदयविदारक कहानी उन परिवारों की पीड़ा और धोखे की गहराई को उजागर करती है, जिन्हें अपने प्रियजनों की वापसी का बेसब्री से इंतजार है।