दिल्ली में 2 लाख लोग बीमार, पहुंचे अस्पताल, ऐसे लोग ज्यादा प्रभावित...

punjabkesari.in Saturday, Dec 13, 2025 - 12:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली और बड़ी महानगरों में हवा की गुणवत्ता एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। 2022 से 2024 के बीच, दिल्ली में 2 लाख से ज्यादा लोग तेज सांस की तकलीफ (Acute Respiratory Infection – ARI) के चलते अस्पताल पहुंचे। यह अचानक उभरी समस्या नहीं, बल्कि हर बार जब हवा जहरीली होती है, मरीजों की संख्या बढ़ती जाती है। मुंबई और चेन्नई में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिल रही है।

कौन सबसे ज्यादा प्रभावित?
सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है जिनके शरीर पहले से ही कमजोर है, जैसे शुगर (डायबिटीज) और हार्ट के मरीज। इनके शरीर पर प्रदूषण का असर तुरंत दिखाई देता है।

सरकारी आंकड़े बताते हैं:

  • 2022: 67,054 ARI केस

  • 2023: 69,293 केस

  • 2024: 68,411 केस

2024 में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज 10,800 से ऊपर रहे। खास बात यह है कि दिल्ली के 14 इलाकों में AQI 401 से ऊपर दर्ज किया गया, जो ‘severe’ श्रेणी में आता है। यह हवा कुछ ही घंटों में फेफड़ों और दिल पर असर डाल सकती है।

प्रदूषण का असर कैसे होता है?
हवा में मौजूद PM2.5, PM10, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन, सल्फर डाइऑक्साइड और सैकड़ों तरह के केमिकल फेफड़ों में जाकर खून में मिल जाते हैं। स्वस्थ लोगों को हल्की जलन हो सकती है, लेकिन पहले से बीमार लोगों के लिए यह सांस लेने में गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।

डायबिटीज और हार्ट के मरीज क्यों ज्यादा प्रभावित?

  • डायबिटीज के मरीज पहले से ही शरीर में सूजन और तनाव झेल रहे होते हैं। प्रदूषण इसे बढ़ा देता है।

  • फेफड़ों की टिश्यू धीरे ठीक होती है और इंफेक्शन जल्दी पकड़ लेता है।

  • शुगर लेवल में अचानक उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।

  • हार्ट के मरीजों में ब्लड प्रेशर बढ़ता है, धड़कन अनियमित होती है, और छाती भारी महसूस होती है। AQI 300 के ऊपर हार्ट मरीजों को सांस फूलना, चक्कर या थकान तुरंत महसूस हो सकती है।

डॉक्टरों की सलाह:

  • सुबह-सुबह बाहर जाने से बचें।

  • बाहर रहने के बाद 5 मिनट का आराम लें।

  • खिड़कियां केवल थोड़ी खोलें, दिन में 3 बार 10 मिनट।

  • गले को गर्म रखें और ठंडी हवा से बचें।

  • घर के अंदर हल्की एक्सरसाइज, योग, स्टेशनरी साइकल या स्टेप वॉक करें।

इन संकेतों को हल्के में न लें:

  • लगातार सांस फूलना

  • 3 दिन से अधिक खांसी

  • अचानक थकावट या सिर भारी होना

  • बिना वजह शुगर बढ़ना

  • रूटीन काम के दौरान छाती भारी लगना

विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में दवाइयों को छोड़ना खतरनाक हो सकता है। हार्ट और अस्थमा के मरीज अपनी दवाइयां और इनहेलर हमेशा साथ रखें।


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Content Editor

Anu Malhotra

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