इन विवादों की वजह से पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं रॉबर्ट वाड्रा

punjabkesari.in Tuesday, May 31, 2016 - 03:21 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रियंका गांधी के पति और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इकलौते दामाद रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। 2009 में हथियारों के एक विवादित सौदेबाज द्वारा लंदन में रॉबर्ट वाड्रा को बेनामी घर खरीद कर देने के मामले की सरकार ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि रॉबर्ट वाड्रा के वकीलों ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। कांग्रेस का कहना है कि “कांग्रेस के विरोधियों द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को सुव्यवस्थित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है।” वहीं सोनिया गांधी ने इसे राजनीतिक षणयंत्र बताया है और सरकार से आरोपों को साबित करने को कहा है। बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा से विवादों से जुड़ा यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी कई विवादों में उनका नाम चर्चा में आया है।


वाड्रा-डीएलएफ विवाद

अक्तूबर 2012 में AAP के नेता और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए थे कि रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली और आसपास में कई ज़मीन जायदाद खरीदी और उसके लिए धन आया रिअल इस्टेट कंपनी DLF की ओर से, जिसने रॉबर्ट वाड्रा को “ग़ैरज़मानती ब्याज मुक्त कर्ज़” दिए। फिलहाल वाड्रा और DLF दोनो ने आरोपों से इनकार किया है।

लैंड डील मामला
IAS अफसर अशोक खेमका को वाड्रा के लैंड डील केस में विसलब्लोअर माना जाता है और रिपोर्टों के मुताबिक सरकारों के फैसलों के खिलाफ़ आवाज उठाने के कारण 23 सालों में उनका 45 बार तबादला हो चुका है।

‘मैंगो पीपल इन बनाना रिपब्लिक’
वाड्रा ने अपने फेसबुक पेज पर ‘मैंगो पीपल इन बनाना रिपब्लिक’ का पोस्ट डाला था, जिसको लेकर मीडिया में काफी चर्चा हुई थी। उनकी इस पोस्ट का मतलब निकाला गया था कि वाड्रा ने  भारत को बनाना रिपब्लिक और लोगों को ‘मैंगो पीपल’ कहा है। विवाद बढ़ने पर वाड्रा ने अपने फेसबुक अकाऊंट ही बंद कर दिया था।

रिपोर्टर से विवाद

वर्ष 2014 में जब समाचार एजेंसी एएनआई के एक पत्रकार ने जमीन विवाद पर वाड्रा से सवाल पूछा तो उन्होंने गुस्से में पूछा, ‘क्या आप गंभीर हैं?’ और फिर ये बात बार-बार दोहराई। इशके बाद वाड्रा ने पत्रकार के माइक को झटककर आगे निकल गए।

जब बोले ‘प्रियंका की ज़रूरत नहीं
इसी साल अप्रैल 2016 में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अपनी ज़िंदगी सुधारने के लिए उन्हें प्रियंका की ज़रूरत नहीं थी। वाड्रा ने कहा, “मेरे पास काफ़ी था, मेरे पिता ने मुझे बहुत कुछ दिया था, उन्होंने मुझे शिक्षा दी।” वाड्रा के इस बयान पर काफी मुद्दा उठा था।

चुनाव लड़ने से मना कर दिया इंकार
वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया था कि वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान  उन पर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से चुनाव लड़ने का बहुत दबाव था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, “लोग मांग कर रहे थे कि मैं (सुल्तानपुर से) चुनाव लड़ूं लेकिन मेरे मन में साफ़ था कि ये सही जगह नहीं है। मुझे मेरे परिवार की वजह से पहचाना जा रहा है।” वाड्रा के इस बयान के बाद काफी चर्चा हुई थी कि क्या सोनिया गांधी अपने दामाद को आगे ला रही हैं या खुद वाड्रा राजनीति में उतरना चाहतके हैं।

सुरक्षा मामला
घरेलू हवाईअड्डों पर जिन लोगों को सुरक्षा जांच से मुक्त रखा गया है, उस सूची में वाड्रा का भी नाम था। इसे लेकर कई दिनों तक काफी हंगामा मचा रहा। सितंबर 2015 में ख़बर आई कि वाड्रा को उस सूची से हटा लिया गया है।


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