रेड लाइट एरिया का काला सच...एक जिंदगी, पांच ग्राहक

punjabkesari.in Wednesday, Apr 06, 2016 - 07:34 PM (IST)

मुंबई : एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है कमाठीपुरा। यहां की सैक्स वर्कर्स की बात करें तो हर सैक्स वर्कर में आपको कई कहानियां मिल जाएंगी। कहानियां भी ऐसी कि आपको यह सोचने पर मजबूर होना पड़ जाएगा कि क्या जिंदगी इतनी निर्दयी भी हो सकती है। हर नई रात के लिए यहां रहने वाली सैक्स वर्कर्स को नई कहानी दे जाती है। सैक्स वर्कर्स के पुनर्वास के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था प्रेरणा ने इस रेड लाइट एरिया पर एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट को आप जैसे-जैसे पढ़ते जाएंगे आपका इंसानियत से विश्वास उठता चला जाएगा।   
झांसा देकर यहां लाई जाती हैं लड़कियां  
रिपोर्ट कहती है कि रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में जो सैक्स वर्कर्स काम करती हैं उनमें से अधिकतर बांग्लादेश से लाई जाती हैं। इन्हें कोई प्यार के  झांसे में यहां लाकर बेच देता है और कोई नौकरी का झांसा देकर इन्हें यहां बेच चुका है। बांग्लादेश के साथ-साथ यहां पश्चिम बंगाल की बहुत सी लड़कियां बेची जा चुकी हैं। 
दवाई खाओ ताकि जवानी बनी रहे
अच्छी जिंदगी का सपना लेकर यहां सैक्स वर्कर्स बन चुकी लड़कियों के लिए उनकी जवानी ही उनकी सबसे बड़ी साथी है। उनको जवान रखने के लिए कई प्रकार की टैबलेट्स व इंजेक्शन दिए जाते हैं। इन दवाइयों से स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ता है लेकिन खानी तो पड़ेंगी ही। 
हर रात पांच से ज्यादा ग्राहक
रिपोर्ट बताती है कि रात में इन लड़कियों के सरगना इन्हें विभिन्न ग्राहकों के पास भेजते हैं। ग्राहकों की गिनती 5 से ज्यादा ही होती है। कई बार तो आठ तक हो जाती है। अगर लड़कियां इतने लोगों से सेक्स करने से मना करती हैं तो उनसे मारपीट की जाती है। एनजीओ की रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश में करीब 30 लाख बांग्लादेशी हैं। इनमें से 128 बच्चों की मां बंगाली बोलती हैं। 
 

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