भारत से iPhone के रिकॉर्ड निर्यात से स्मार्टफोन शिपमेंट में 30% की छलांग
punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 05:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने साल 2025 की पहली छमाही (H1 CY2025) में स्मार्टफोन निर्यात के मोर्चे पर बड़ी छलांग लगाई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान स्मार्टफोन निर्यात 30% की सालाना वृद्धि के साथ 40 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है। इस उल्लेखनीय बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ी भूमिका Apple iPhone की रही, जिसका अकेले निर्यात 53% बढ़कर 20 मिलियन यूनिट के पार चला गया। यह पहली बार है जब Apple ने H1 में इतने यूनिट भारत से निर्यात किए हैं।
अमेरिका बना सबसे बड़ा खरीदार
इस निर्यात का 54% हिस्सा अकेले अमेरिका ने खरीदा। अमेरिका में अगस्त के अंत तक लागू होने वाले 25% आयात शुल्क से बचने के लिए Apple ने iPhone की शिपमेंट पहले ही तेज कर दी। कंपनी की रणनीति स्पष्ट थी। कीमत बढ़ने से पहले अपना स्टॉक अमेरिका भेज दो ताकि मुनाफा बना रहे।
Apple का iPhone 16 मॉडल भारत से निर्यात किए गए सभी स्मार्टफोन में सबसे ऊपर रहा, जिसने अकेले 18% हिस्सेदारी पाई। इसके बाद iPhone 15 और iPhone 16e जैसे मॉडल प्रमुख रहे। इस सफलता के पीछे भारत में स्थानीय उत्पादन का विस्तार, PLI स्कीम का समर्थन और तेजी से विकसित होती मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी रहे।
Samsung और Motorola की स्थिति
Samsung की बात करें तो H1 2025 में कंपनी का निर्यात केवल 1% की मामूली वृद्धि दिखा सका। इसका मुख्य बाजार यूरोप बना रहा, जहां कंपनी ने कुल निर्यात का 60% से ज्यादा भेजा। हालांकि अमेरिका में Samsung के निर्यात में 268% की वृद्धि देखने को मिली, लेकिन यह एक कम आधार के कारण था। कंपनी की Galaxy A सीरीज़ ने निर्यात का तीन-चौथाई हिस्सा संभाला। वहीं, दूसरी ओर, Motorola ने चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए अपना निर्यात 7 गुना बढ़ा लिया और 1 मिलियन यूनिट पार कर दिए। वह अब भारत से निर्यात करने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। कंपनी के लगभग 95% स्मार्टफोन अमेरिका भेजे गए, जिसकी वजह रही उसका 2025 का G-सीरीज़ लाइनअप, जिसे प्रतिस्पर्धियों के सुस्त लॉन्च के बीच बाजार में उतारा गया।
यूरोप को पीछे छोड़ता अमेरिका
पिछले साल की तुलना में यूरोप को इस बार झटका लगा है। 2024 में जहां यूरोप को 47% भारतीय स्मार्टफोन भेजे गए थे, वहीं 2025 की पहली छमाही में यह घटकर 27% रह गया। इसका कारण था Apple द्वारा अमेरिका पर केंद्रित निर्यात। हालांकि जानकारों का मानना है कि आगामी महीनों में यूरोपीय बाजार दोबारा उभर सकता है।
स्थानीय उत्पादन का रिकॉर्ड
भारत का डोमेस्टिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम भी तेज़ी से बढ़ रहा है। अब देश में बिकने वाले 99% स्मार्टफोन यहीं बने होते हैं। भारत में स्मार्टफोन उत्पादन का आकार FY15 में ₹18,900 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹5.45 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि निर्यात ₹2 लाख करोड़ पार कर चुका है।
भविष्य की चुनौतियां
हालांकि, Counterpoint Research के विश्लेषकों ने नीतिगत अस्थिरताओं को लेकर चेतावनी दी है। अमेरिकी शुल्क फिलहाल स्मार्टफोन पर लागू नहीं हैं, लेकिन यह छूट अस्थायी है। यदि भविष्य में 50% तक के शुल्क लागू होते हैं तो कंपनियों को बाजारों में विविधता, आपूर्ति शृंखला का प्रबंधन और PLI जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर भारत को वैश्विक निर्यात हब बनाए रखने की रणनीति बनानी होगी।