Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर! AQI 396 के पार...अन्य शहरों का भी बुरा हाल, सांस लेना हुआ मुश्किल
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 10:53 AM (IST)
नेशनल डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली और उसके पड़ोसी शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार 23 नवंबर को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 396 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। AQI.in के अनुसार, इस हवा में सांस लेना लगभग 11.8 सिगरेट पीने के बराबर नुकसानदायक है।
पड़ोसी शहरों में हालात और गंभीर
दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद में हालात और भी खराब रहे। नोएडा में सुबह 5 बजे AQI 413 दर्ज हुआ, जबकि गाजियाबाद में 432 तक पहुंच गया। गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता खराब रही और AQI 264 पर रही।
#WATCH | Delhi | A layer of smog blankets the Ghazipur area as AQI is recorded at 441, categorised in the severe category as per the Central Pollution Control Board (CPCB) pic.twitter.com/jpzOqQLUB9
— ANI (@ANI) November 24, 2025
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI
स्थान AQI
अशोक विहार 702
मैदान गढ़ी 734
सूर्य नगर 595
वसंत कुंज 497
बुराड़ी 629
रोहिणी 458
आनंद विहार 441
अलीपुर 412
बवाना 437
द्वारका सेक्टर-8 386
चांदनी चौक 390
आईटीओ 410
नरेला 433
वजीरपुर 450
पड़ोसी शहरों में भी वायु प्रदूषण चिंताजनक रहा:
➤ गाजियाबाद, वसुंधरा: 432
➤ गाजियाबाद, इंदिरापुरम: 438
➤ नोएडा, सेक्टर-62: 404
➤ ग्रेटर नोएडा: 607
➤ गुरुग्राम, सेक्टर-51: 406
CPCB के मानक के अनुसार, AQI:
0–50: अच्छा
51–100: संतोषजनक
101–200: मध्यम
201–300: खराब
301–400: बेहद खराब
401–500: गंभीर
PM2.5 का स्तर खतरनाक
सोमवार को दिल्ली में PM2.5 का स्तर 331 µg/m³ मापा गया, जो WHO की सीमा 15 µg/m³ से 22 गुना अधिक है। PM2.5 प्रदूषण से दिल और फेफड़ों की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिनमें स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) शामिल हैं।
पराली जलाने की घटनाओं में गिरावट
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाने की घटनाओं में कुछ कमी आई है। हरियाणा में केवल 1 और पंजाब में 3 मामले सामने आए। जबकि उत्तर प्रदेश में 522, मध्य प्रदेश में 607 और राजस्थान में 21 घटनाएं दर्ज हुईं। 15 सितंबर से 23 नवंबर के बीच 6 राज्यों में कुल 27,720 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं।
