Delhi Air Pollution: जहरीली हवा का नवजातों पर कहर! दिल्ली का AQI 300 पार, AIIMS के डॉक्टरों ने दी चेतावनी

punjabkesari.in Sunday, Nov 23, 2025 - 11:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सर्दियों के मौसम में दिल्ली का वायु प्रदूषण चिंताजनक स्तर तक पहुँच गया है। राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार 300 के पार जा रहा है, जिससे अस्पतालों में अस्थमा, निमोनिया, तेज खांसी और सांस लेने में दिक्कत के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। खासकर शिशुओं और छोटे बच्चों में यह स्थिति गंभीर रूप ले रही है।

दिल्ली में बढ़ती वायु प्रदूषण से सावधान, ये हैं सामान्य लक्षण
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बहुत खराब वायु में ये लक्षण आम हैं:
➤ साँस लेने में कठिनाई: घरघराहट और खांसी, विशेषकर अस्थमा रोगियों में।
➤ आँख, नाक और गले में जलन: लालिमा, खुजली और खराश।
➤ सीने में जकड़न और खांसी: फेफड़ों से कण बाहर निकालने की प्रतिक्रिया।
➤ थकान और चक्कर: लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से ऑक्सीजन की कमी से।


PunjabKesari

नवजातों के लिए बढ़ा खतरा
AIIMS और अन्य बड़े अस्पतालों के बच्चों के डॉक्टरों के अनुसार, हर साल नवंबर में बच्चों में सांस से जुड़ी बीमारियों के मामले सबसे ज्यादा होते हैं। कई नवजात शिशुओं को जन्म के कुछ ही हफ़्तों के अंदर ऑक्सीजन और NICU सपोर्ट की ज़रूरत पड़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि हवा की जहरीली मिलावट गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डालने लगती है।

PunjabKesari

गर्भ में ही शुरू होती है समस्या
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भवती माँ द्वारा साँस में लिए गए प्रदूषक और माइक्रोप्लास्टिक प्लेसेंटा के माध्यम से बच्चे तक पहुँच जाते हैं। इससे बच्चे के फेफड़ों का विकास प्रभावित होता है और जन्म के समय कम वज़न, अस्थमा या लंबे समय तक सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति भविष्य में बच्चे की सेहत पर दीर्घकालिक असर डाल सकती है।

PunjabKesari

सख्त कदमों की मांग
डॉक्टर और मेडिकल एक्सपर्ट्स लगातार सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, साफ ईंधन का इस्तेमाल, औद्योगिक उत्सर्जन पर कड़े नियंत्रण और मज़बूत पर्यावरण नीतियाँ ही इस संकट को कम कर सकती हैं। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि दिल्ली का बढ़ता एयर पॉल्यूशन केवल पर्यावरणीय समस्या नहीं है, बल्कि यह सीधे नवजात शिशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट बनता जा रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Mansa Devi

Related News