PM मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फोमियो किशिदा को भेंट की बुद्ध की प्रतिमा, बनाने में हुआ है इस खास लकड़ी का इस्तेमाल
punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2023 - 06:09 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारत की राजकीय यात्रा पर आए अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा को ‘कदमवुड जाली बॉक्स' (कदम्ब की लकड़ी से बना जालीदार बक्सा) में लगी चंदन की बुद्ध की प्रतिमा भेंट की। कलाकृति कर्नाटक की समृद्ध विरासत से जुड़ी हुई है।
अधिकारियों ने कहा कि चंदन की नक्काशी की कला एक उत्तम और प्राचीन शिल्प है जो सदियों से दक्षिणी भारतीय राज्य में प्रचलित है और इस शिल्प में सुगंधित चंदन के ब्लॉकों में जटिल डिजाइनों को तराशना, जटिल मूर्तियां, मूर्तियां और अन्य सजावटी सामान बनाना शामिल है। चंदन के पेड़ भारत में पाए जाते हैं और इसकी लकड़ियां सदियों से भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। इसे दुनिया की सबसे मूल्यवान और बेशकीमती लकड़ियों में से एक माना जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी अक्सर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को भारत के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों की सांस्कृतिक और कलात्मक समृद्धि को दर्शाने वाले उपहार भेंट करते रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुद्ध की आकृति शुद्ध चंदन से बनी है और इसमें पारंपरिक डिजाइनों और प्राकृतिक दृश्यों के साथ हाथ की नक्काशी है, जिसे विशेषज्ञ शिल्पकारों द्वारा बनाया गया है। प्रतिमा में बुद्ध बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान मुद्रा में बैठे हैं। ध्यान मुद्रा ध्यान की एक स्थिति है। इसके जरिए आध्यात्मिक दक्षता भी हासिल की जाती है।
अधिकारियों ने कहा कि कदम्ब की लकड़ी को भारतीय संस्कृति में शुभ माना जाता है और विशेष कदमवुड बॉक्स पर डिजाइन विशेषज्ञ कारीगरों द्वारा हाथ से उकेरा गया है। उनके मुताबिक भारतीय चंदन आयुर्वेद की सबसे पवित्र जड़ी बूटियों में से एक है। चंदन पाउडर और आवश्यक तेल अपने कई औषधीय और आध्यात्मिक उपयोगों के लिए प्रसिद्ध हैं। कर्नाटक में दुनिया के कुछ बेहतरीन चंदन के जंगल हैं। चंदन की नक्काशी की कला सदियों से कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग रही है।
इसकी शुरुआती उत्पत्ति का पता तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में लगाया जा सकता है, जब चंदन का उपयोग मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए लकड़ी की मूर्तियों और नक्काशी के लिए किया जाता था। समय के साथ, चंदन की नक्काशी एक परिष्कृत कला के रूप में विकसित हुई। इसमें कुशल शिल्पकार देवताओं की जटिल नक्काशी, भारतीय पौराणिक कथाओं से जुड़े किंवदतियों, जानवरों और अन्य सजावटी वस्तुओं की नक्काशी करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि बुद्ध की छवि भारतीय संस्कृति और धर्म में बहुत महत्व रखती है। इस तरह बुद्ध की उत्कृष्ट नक्काशीदार छवियां स्थानीय शिल्पकारों के कौशल और कलात्मकता को दर्शाती हैं और इस शैली में निर्मित कलाकृतियां न केवल सुंदर होती हैं बल्कि शांति, और ज्ञान के शक्तिशाली प्रतीकों के रूप में भी उनका बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
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