PAK पर बड़ी कार्रवाई से पहले वायु सेना प्रमुख ने PM मोदी से की मुलाकात
punjabkesari.in Sunday, May 04, 2025 - 01:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया को लेकर सरकार और सेना के बीच गहन मंथन जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और अब उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ अलग-अलग बैठकें कर हालात का आकलन किया है। रविवार को भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने प्रधानमंत्री से उनके 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की। यह बैठक करीब 40 मिनट चली और इसे बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत की तरफ से पाकिस्तान को करारा जवाब देने की रणनीति पर विचार चल रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि जल्द भारत पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है...
पहले नौसेना, फिर वायुसेना… थलसेना प्रमुख भी कर चुके हैं मुलाकात
इससे पहले शुक्रवार को भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। यह बैठक लगभग एक घंटे चली थी जिसमें नौसेना की मौजूदा तैयारी और समुद्री मोर्चे पर सक्रियता की जानकारी दी गई थी। 30 अप्रैल को थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी पीएम मोदी से मिले थे। उस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार अब तीनों सेनाओं के साथ मिलकर एक व्यापक और संयुक्त रणनीति की ओर बढ़ रही है।
पहलगाम हमला बना निर्णायक मोड़
यह पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए डोभाल, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हुए थे। बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है और सेनाओं को पूरी ‘ऑपरेशनल फ्रीडम’ दी जा रही है। यानी कार्रवाई का समय, तरीका और लक्ष्य – ये सब अब सेनाएं खुद तय करेंगी।
ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में छुट्टियां रद्द, युद्ध स्तर पर तैयारियां
भारत की इस सख्त प्रतिक्रिया का संकेत तब और साफ हुआ जब ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दीं। यानी सैन्य साजो-सामान के उत्पादन को उच्चतम स्तर पर पहुंचाने की कोशिश शुरू हो चुकी है। यह कदम यह भी दर्शाता है कि देश किसी भी आपात स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहा है।
राजनीतिक नेतृत्व की एकजुटता, विपक्ष का भी समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी का रुख इस बार बेहद सख्त है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को जवाब देना है तो बिना किसी झिझक और राजनीतिक दबाव के देना होगा। दिलचस्प बात यह है कि इस बार विपक्षी दल भी सरकार के रुख के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि पूरे राजनीतिक नेतृत्व की सहमति के साथ भारत अब निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार है।
पहलगाम हमले के दोषियों को सजा तय, पाकिस्तान पर नजर
सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह पहलगाम हमले के दोषियों और उनके साजिशकर्ताओं को बख्शेगी नहीं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले की योजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बैठे आतंकियों ने बनाई थी। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि भारत की संभावित कार्रवाई सीमापार हो सकती है।