पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ हमलों में शामिल पायलट शिवांगी सिंह, जानिए कौन हैं राफेल की शेरनी

punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 01:11 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली शिवांगी सिंह ने जब 9 साल की थीं, तभी उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें पायलट बनना है। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार की यह बेटी जब पहली बार दिल्ली के एयरफोर्स म्यूजियम गईं, तो वहां रखे फाइटर जेट्स को देखकर उनकी आंखें चमक उठीं। उसी पल उन्होंने मन ही मन वादा किया — एक दिन मैं इन जेट्स को उड़ाऊंगी। शिवांगी ने अपनी स्कूली पढ़ाई वाराणसी में की और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से उच्च शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद स्थित भारतीय वायुसेना अकादमी से प्रोफेशनल प्रशिक्षण लिया। 2017 में वह भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं और महिला फाइटर पायलट्स के दूसरे बैच में उन्हें कमीशन मिला।

पहले उड़ाया मिग-21 बाइसन, फिर बनीं राफेल की पहली महिला पायलट

वायुसेना में शुरुआती सालों में शिवांगी मिग-21 बाइसन जैसे सुपरसोनिक जेट उड़ाया करती थीं। यह वही विमान है जिसे ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्तमान ने पाकिस्तान में हमले के दौरान उड़ाया था। लेकिन शिवांगी का असली मुकाम 2020 में आया, जब वह राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट उड़ाने के लिए चयनित की गईं। यह चयन किसी भी पायलट के लिए गौरव की बात होती है, क्योंकि राफेल को वायुसेना की सबसे तेज, आधुनिक और खतरनाक लड़ाकू विमानों की श्रेणी में गिना जाता है।

राफेल का संचालन और ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में अहम भूमिका

राफेल विमानों को भारत ने फ्रांस से खरीदा था और इसकी पहली खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी। तब से लेकर अब तक राफेल विमानों ने भारत की वायु शक्ति को कई गुना बढ़ा दिया है। जानकारी के मुताबिक हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम दिया गया है, उसमें भी राफेल विमानों का इस्तेमाल हुआ। शिवांगी सिंह ने भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई।

करियर और मेहनत की प्रेरणा देने वाली कहानी

शिवांगी सिंह की कहानी सिर्फ एक सैन्य अधिकारी की नहीं है, बल्कि एक प्रेरणा है उन सभी लड़कियों के लिए जो बड़े सपने देखती हैं। उन्होंने एक ऐसे क्षेत्र में नाम कमाया जहां महिलाओं की उपस्थिति कभी नगण्य मानी जाती थी। कड़े प्रशिक्षण, कठिन चयन प्रक्रियाएं और मानसिक-शारीरिक चुनौतियों के बावजूद शिवांगी ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।

शिवांगी सिंह का संदेश - 'कभी हार मत मानो'

एक इंटरव्यू में शिवांगी ने बताया था कि जब भी उन्हें मुश्किलें आईं, उन्होंने अपने बचपन का सपना याद किया और उससे प्रेरणा ली। उन्होंने कहा, "जो भी सपना देखो, उसे सिर्फ सपना मत रहने दो, उसके लिए हर दिन मेहनत करो। कोई भी ऊंचाई तब तक नहीं मिलती जब तक आप थक कर बैठ न जाओ।" उनकी बातें आज भारत की लाखों बेटियों को आगे बढ़ने की हिम्मत देती हैं।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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