भारतीय नर्स गरीबी मिटाने गई विदेश, अब फांसी के बाद लौटेगी लाश या...

punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 12:34 PM (IST)

International Desk: यमन की जेल में बंद केरल की नर्स  निमिषा प्रिया  की जिंदगी अब सिर्फ एक उम्मीद पर टिकी है और वह है ब्लड मनी।  यमन की अदालत ने निमिषा को 16 जुलाई को फांसी देने की तारीख तय कर दी है। साल 2008 में केरल की निमिषा बेहतर कमाई के लिए यमन गई थीं। पहले उन्होंने अस्पतालों में काम किया और फिर हिम्मत कर अपना क्लिनिक खोला। लेकिन यमन के नियमों के मुताबिक, विदेशी को बिजनेस चलाने के लिए स्थानीय पार्टनर जरूरी था। इसी सिलसिले में उसने  तलाल अब्दो मेहदी  को पार्टनर बनाया, जिसने बाद में उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया।

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हत्या के केस में कैसे फंसी ? 
2017 में पासपोर्ट छुड़वाने के लिए निमिषा ने मेहदी को बेहोशी की दवा दी। लेकिन ओवरडोज से उसकी मौत हो गई। भागने की कोशिश में निमिषा पकड़ी गई और 2020 में उसे मौत की सजा सुना दी गई।

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बचने का अब सिर्फ एक रास्ता
यमन के कानून के मुताबिक, हत्या के मामलों में दोषी को  ब्लड मनी देकर पीड़ित परिवार से माफी मिल सकती है। निमिषा के परिवार ने  8.6 करोड़ रुपये (10 लाख डॉलर) की पेशकश की है। सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल के मुताबिक, यमनी परिवार ने अभी तक ना-हां कुछ नहीं कहा है।

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जेल में भी दूसरों की मदद कर रही निमिषा 
बचाव अभियान से जुड़े कार्यकर्ता बाबू जॉन ने बताया कि जेल में भी निमिषा एक नर्स के तौर पर दूसरे कैदियों की मदद कर रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मारे गए शख्स का परिवार अगर माफ कर दे तो निमिषा की फांसी टल सकती है। अब सबकी नजरें यमनी परिवार के फैसले पर हैं। अगर उन्होंने ब्लड मनी स्वीकार कर ली तो निमिषा की जान बच सकती है, वरना 16 जुलाई को उसे फांसी दे दी जाएगी।

 


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Content Writer

Tanuja

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