चीन में फिर तहलका ! भ्रष्टाचार मामले में अब बड़ी कंपनी के मैनेजर को दी फांसी, सारी संपत्ति भी की जब्त
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 11:48 AM (IST)
Bejing: चीन ने सरकारी संपत्ति प्रबंधन कंपनी China Huarong International Holdings (CHIH) के पूर्व मैनेजर बाई तियानहुई को फाँसी दे दी है। उन पर 2014–2018 के बीच परियोजनाओं के अधिग्रहण एवं फाइनेंसिंग में सुविधा देने के बदले कुल $156 मिलियन (करीब 1.1 अरब युआन) से अधिक की रिश्वत लेने का दोष साबित हुआ था। 28 मई 2024 को तियानजिन की एक मध्यस्थ अदालत ने बाई को मौत की सज़ा सुनाई थी, साथ में उनकी सभी निजी संपत्तियाँ जब्त करने और आजीवन राजनीतिक अधिकारों से वंचित करने का आदेश दिया गया था।
🇨🇳 NO WHITE-COLLAR PRISON HERE: CHINA EXECUTES CORRUPT FINANCE BOSS
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) December 9, 2025
China has just executed Bai Tianhui, the former general manager of state-run China Huarong International, for taking $156 million in bribes while greenlighting shady deals.
This wasn’t a suspended sentence or a… pic.twitter.com/sst3xnCPgH
बाद में उच्च अदालत व Supreme People’s Court (SPC) ने उनकी अपील खारिज की। SPC ने निर्णय में कहा कि भ्रष्टाचार की राशि “अत्यधिक बड़ी”, स्थिति “अत्यंत गंभीर” थी और राज्य व जनता को भारी नुकसान हुआ। मंगलवार सुबह तियानजिन न्यायालय ने दंड अमल में लाया। इसके पहले बाई को अपने करीबी परिजनों से मिलने की अनुमति दी गई।
कैसे हुआ था घोटाला
अदालत के अनुसार, 2014-2018 के दौरान बाई ने अपनी कई वरिष्ठ पोज़िशन (जनरल मैनेजर, निवेश बैंकिंग विभाग प्रमुख आदि) का दुरुपयोग किया। उसने परियोजनाओं के अधिग्रहण व वित्तीय लेन-देन में पक्षपातपूर्ण फैसले दिए, बदले में करोड़ों युआन की रिश्वत स्वीकार की। यह कार्रवाई उस व्यापक भ्रष्टाचार-रोधी मुहिम का हिस्सा है, जिसे चीन में पिछले कई सालों से चलाया जा रहा है। पहले भी CHIH से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी, जैसे पूर्व अध्यक्ष लाइ शियाओमिन, को इसी तरह की सजा दी जा चुकी है।
इससे एक दिन पहले चीन में भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान के तहत पूर्व खेल मंत्री गाओ झोंगवेन को अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई गई है। हालांकि, सज़ा पर दो साल की राहत दी गई है अगर इस अवधि में कोई राहत नहीं मिली तो सज़ा सीधे फांसी में बदल सकती है। चीन की अदालतों के मुताबिक, गाओ झोंगवेन ने 33.4 मिलियन डॉलर (लगभग 280 करोड़ रुपए) की भारी रिश्वत ली। यह रकम कई कारोबारी समूहों और खेल संगठनों से ली गई थी, बदले में उन्होंने गलत नियुक्तियाँ, सरकारी फंड जारी करवाने और परियोजनाओं में पक्षपात जैसे काम किए।
