पाकिस्तान का बड़ा खुलासा - भारत ने अमेरिका के युद्धविराम का प्रस्ताव नहीं किया था स्वीकार
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 06:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क : पाकिस्तान ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्धविराम (Ceasefire) का प्रस्ताव अमेरिका के जरिए आया था, लेकिन भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया। यह खुलासा पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने किया।
अमेरिका के जरिए आया प्रस्ताव
इशाक डार ने एक कार्यकर्म के दौरान यह खुसासा किया कि जब पाकिस्तान ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता के दावे पर सवाल किया, तो रुबियो ने साफ कहा कि भारत हमेशा यह मुद्दा द्विपक्षीय मानता है और किसी तीसरे पक्ष को शामिल करने के लिए तैयार नहीं होता।
उन्होंने कहा कि 10 मई को सुबह 8:17 बजे अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही भारत और पाकिस्तान के बीच एक स्वतंत्र स्थान पर बातचीत होगी। लेकिन 25 जुलाई को वॉशिंगटन में हुई मुलाकात के दौरान रुबियो ने बताया कि भारत ने तीसरे पक्ष की भूमिका से साफ इंकार कर दिया है।
'भारत हमेशा कहता है - यह द्विपक्षीय मुद्दा है'
डार ने कहा, 'पाकिस्तान को तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से कोई समस्या नहीं है, लेकिन भारत बार-बार कहता है कि यह सिर्फ द्विपक्षीय मामला है। जब सीज़फायर का प्रस्ताव रुबियो के जरिए आया था, तो हमें भरोसा दिया गया था कि बातचीत होगी। लेकिन बाद में बताया गया कि भारत ने इसे मानने से इनकार कर दिया।'
द्विपक्षीय वार्ता से भी कोई आपत्ति नहीं, लेकिन...
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से बातचीत के लिए कई बार पहल की गई है। उन्होंने कहा कि हमें द्विपक्षीय वार्ता से भी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बातचीत केवल एक विषय तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था और जम्मू-कश्मीर जैसे अहम मुद्दों को शामिल करना जरूरी है।
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बातचीत दो देशों की इच्छा से ही संभव
इशाक डार ने आगे कहा कि पाकिस्तान किसी चीज की भीख नहीं मांग रहा है। अगर कोई देश बातचीत करना चाहता है, तो पाकिस्तान उसका स्वागत करेगा। उन्होंने कहा, 'हम शांति पसंद करने वाले लोग हैं और मानते हैं कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है। लेकिन बातचीत के लिए दोनों पक्षों की सहमति ज़रूरी है। जब तक भारत तैयार नहीं होता, तब तक यह संभव नहीं है।”