पाक रक्षा अधिकारी का shocking खुलासा! भारत की सैन्य तैयारी से घबराया पाकिस्तान, खोली कमजोरियों की पोल
punjabkesari.in Saturday, Dec 06, 2025 - 07:58 PM (IST)
International Desk: हाल ही में एक पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ ने एक टीवी इंटरव्यू में भारत-पाकिस्तान संबंधों, चीन-भारत तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण बयान दिए। विशेषज्ञ ने कहा कि किसी भी देश की वास्तविक सैन्य क्षमता युद्धभूमि पर नहीं, बल्कि शांति काल में की जाने वाली रणनीतिक तैयारी से निर्धारित होती है।उनके अनुसार “असल जीत युद्ध शुरू होने से पहले तय होती है। यदि देश अपनी सेनाओं को समय रहते आधुनिक बनाता रहे तो ही वह किसी संभावित संकट का सामना कर सकता है।”
भारत की हवाई तैयारी पर बड़ा दावा
इंटरव्यू में विशेषज्ञ ने एक गंभीर दावा किया कि एक हालिया तनावपूर्ण स्थिति के दौरान भारत ने लगभग 85 फाइटर जेट्स को पाकिस्तान की ओर सक्रिय अलर्ट पर तैनात किया था, जिनमें से प्रत्येक पर 6-7 मिसाइलें लगी थीं। उनके अनुसार, “इस हिसाब से लगभग 300–350 मिसाइलें पाकिस्तान की ओर लक्षित थीं, जिससे हमारे सैन्य नेतृत्व पर जबरदस्त दबाव था।”पाकिस्तानी विशेषज्ञ ने स्वीकार किया कि भारत की वायु शक्ति और आधुनिक मिसाइल क्षमताओं ने क्षेत्रीय संतुलन को काफी बदल दिया है।
तनाव, गलतफहमियाँ और जोखिम
उन्होंने यह भी माना कि 2019 के बाद दोनों देशों के बीच कई घटनाओं ने तनाव को और बढ़ाया है। उनके शब्दों में “सीमा पर हर सेकंड स्थिति बदलती है; एक छोटी गलतफहमी भी बड़े संकट में बदल सकती है।” लद्दाख के मुद्दे पर विशेषज्ञ ने 1962 के युद्ध का संदर्भ लेते हुए कहा कि यह इलाका हमेशा अति-संवेदनशील रहा है। उन्होंने माना कि चीन की सैन्य क्षमता बहुत बड़ी है,और आधुनिक भारत 1962 की तुलना में कई गुना अधिक मजबूत है। उन्होंने चेताया कि भारत और चीन दोनों परमाणु शक्ति हैं; इसलिए किसी भी झड़प का प्रभाव सिर्फ इन दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे एशिया की स्थिरता पर पड़ेगा।
एशिया की शांति दुनिया के लिए क्यों जरूरी?
विशेषज्ञ के अनुसार, आधुनिक युद्ध अब बहु-स्तरीय हो चुका है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा, सूचना नियंत्रण, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, ड्रोन निगरानी आज के युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।उन्होंने कहा “आकाश में उड़ते जेट्स अब युद्ध का सिर्फ एक हिस्सा हैं ” ।इंटरव्यू के अंत में विशेषज्ञ ने भारत, पाकिस्तान और चीन को मतभेद कम करने की सलाह दी। उनका मत था कि “एशिया की स्थिरता पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती है। शांति से ही विकास आगे बढ़ता है और नई पीढ़ियों को संघर्ष नहीं बल्कि अवसर मिलते हैं।”सबसे अहम स्वीकारोक्ति यह रही कि पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा “पाकिस्तान दो मोर्चों पर लंबा युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं रखता।”उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के साथ किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में पाकिस्तान की सैन्य प्रतिक्रिया उसकी मजबूरी रही, न कि शक्ति प्रदर्शन की इच्छा।
