रामेश्वरम जाना अब होगा आसान, तैयार है देश का सबसे लंबा नया पंबन ब्रिज, देखें तस्वीरें
punjabkesari.in Friday, Feb 23, 2024 - 12:21 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा है कि देश की मुख्य भूमि को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला भारत का पहला ‘वर्टिकल-लिफ्ट' पुल ‘पंबन' रेलवे पुल बहुत जल्द तैयार हो जाएगा। ‘वर्टिकल लिफ्ट' पुल ऐसा पुल होता है जिसके मध्य भाग को ऊपर उठाया जा सकता है।
वर्मा ने पुल निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के लिए हाल में रामेश्वरम का दौरा किया था। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘पुनर्निर्माण कार्य बहुत अच्छे से हो रहा है और हम जल्द ही सेवाएं बहाल कर देंगे।'' रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वर्मा ने कहा, ‘‘पुल के निर्माण में आने वाली कई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमारे लोगों ने सराहनीय काम किया है। ऐसे समुद्र पर एक ‘वर्टिकल-लिफ्ट' पुल का निर्माण किया जाना बहुत चुनौतीपूर्ण है जो अकसर उग्र हो जाता है। देश में यह अपनी तरह का पहला पुल है।''
मौजूदा रेलवे पुल को 1913 में बनाया गया था। उसे सुरक्षा की दृष्टि से ‘परिचालन के योग्य नहीं' घोषित किए जाने के बाद मुख्य भूमि के मंडपम और रामेश्वरम द्वीप के बीच ट्रेन सेवाओं को 23 दिसंबर, 2022 को निलंबित कर दिया गया था। दक्षिणी रेलवे (एसआर) के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि पहले बना पंबन पुल पुराना हो गया था और इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं था, इसलिए नया पुल बनाना जरूरी हो गया था।''
अधिकारी ने बताया कि रामेश्वरम के लिए रेलगाड़ियां सबसे पहले तमिलनाडु में रामनाथपुरम जिले के मंडपम पहुंचती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब पंबन पुल चालू था, तब रेलगाड़ियां पुल के जरिए रामेश्वरम पहुंचती थीं। वे पंबन पुल पर धीरे-धीरे चलती थीं और लगभग 15 मिनट में तीर्थनगरी पहुंच जाती थीं।'' अब रेलगाड़ियां मंडपम से आगे नहीं जातीं और लोग सड़क मार्ग से रामेश्वरम जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर 2019 में पुराने पुल के समानांतर नए पुल की आधारशिला रखी थी और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने फरवरी 2020 में इसका निर्माण काम शुरू किया गया। इस काम को दिसंबर 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण यरह समय सीमा बढ़ा दी गई थी। एसआर के अनुसार, 2.05 किलोमीटर लंबे इस पुल की मदद से तेज गति से रेलगाड़ियों का संचालन किया जा सकेगा और इससे भारत की मुख्य भूमि और रामेश्वरम द्वीप के बीच यातायात भी बढ़ेगा।