अब और मजबूत होगी भारतीय सेना, 1.05 लाख करोड़ रुपए से खरीदे जाएंगे ये हथियार, DAC ने दी मंजूरी

punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 10:19 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council - DAC) ने गुरुवार को करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये के सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है। खास बात यह है कि ये सभी उपकरण देश में ही बनाए जाएंगे, जिससे 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी बड़ा समर्थन मिलेगा।

यह बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कुल 10 महत्वपूर्ण रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

किन हथियारों और उपकरणों की होगी खरीद?

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जिन उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी गई है, उनमें शामिल हैं:

  • आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल्स (ARVs) – युद्ध क्षेत्र में खराब हुए टैंकों को निकालने के लिए

  • इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम – दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें बाधित करने के लिए

  • इंटीग्रेटेड कॉमन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम (Tri-Services के लिए) – सेना के तीनों अंगों (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) के लिए सामान की सप्लाई और स्टोरेज को बेहतर बनाने के लिए

  • सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (Surface-to-Air Missiles) – हवाई हमलों से सुरक्षा के लिए

इसके अलावा नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए भी कई उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी गई है, जैसे:

  • Moored Mines – समुद्र में दुश्मन जहाजों को रोकने के लिए

  • Mine Counter Measure Vessels – समुंदर में बिछाई गई दुश्मन की बारूदी सुरंगों को हटाने के लिए

  • Super Rapid Gun Mounts – युद्धपोतों पर तैनात तेज़ फायरिंग वाले हथियार

  • Submersible Autonomous Vessels – बिना चालक वाले समुद्री वाहन जो खुफिया और निगरानी के काम आते हैं

‘बाय इंडियन-IDDM’ श्रेणी के तहत होगी खरीद

इन सभी उपकरणों को ‘Buy (Indian–Indigenously Designed, Developed and Manufactured)’ यानी भारत में डिजाइन और निर्माण की गई प्रणाली के तहत खरीदा जाएगा। इससे देश के स्वदेशी रक्षा उद्योग को और मजबूती मिलेगी।

रक्षा उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत का रक्षा उत्पादन अब 1.46 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है, जो 10-11 साल पहले सिर्फ 43,000 करोड़ रुपये था।

इतना ही नहीं, भारत का रक्षा निर्यात भी अब 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो 10 साल पहले केवल 600-700 करोड़ रुपये था।

  • निजी क्षेत्र का योगदान: ₹32,000 करोड़

  • डिफेंस सेक्टर से जुड़ी MSMEs (लघु और मध्यम उद्योग इकाइयाँ): 16,000 से अधिक

  • रोजगार सृजन: लाखों लोगों को मिला काम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में दिखी स्वदेशी ताकत

रक्षा मंत्री ने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसमें भारत के स्वदेशी हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसने साबित कर दिया कि भारत किसी भी दुश्मन की सुरक्षा को भेदने में सक्षम है।

AMCA प्रोजेक्ट: निजी कंपनियों के लिए बड़ा मौका

रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि भारत के Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) प्रोजेक्ट के ज़रिए पहली बार निजी कंपनियों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के साथ मिलकर बड़े सैन्य प्रोजेक्ट में भागीदारी करने का मौका मिलेगा। यह कदम 'मेक इन इंडिया' को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।


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Content Writer

Pardeep

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