Public Holidays: 23–24 नवंबर को स्कूल, कॉलेज और दफ्तर बंद—आखिर क्या है बड़ी वजह?
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 08:30 AM (IST)
नेशनल डेस्क: गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर इस वर्ष देशभर में माहौल पूरी तरह श्रद्धा और अनुशासन में डूबा रहने वाला है। 24 नवंबर 2025 को कई राज्यों में छुट्टी की आधिकारिक घोषणा के साथ तैयारी ऐसी है मानो पूरा देश इस दिन गुरुजी के त्याग को सामूहिक रूप से महसूस करना चाहता हो। प्रशासनिक स्तर पर बड़े फैसले लिए जा चुके हैं - और आम जनता के जीवन पर भी इसका स्पष्ट असर दिखाई देगा।
स्कूल बंद, दो दिन का अवकाश सुनिश्चित
शहीदी दिवस को ध्यान में रखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। 24 नवंबर सोमवार है, ऐसे में रविवार को मिलाकर छात्रों को दो दिन की छुट्टी मिलेगी। जहां कार्यालय सप्ताहांत में दो दिन बंद रहते हैं, वहां सरकारी कर्मचारियों को तीन दिनों की लंबी छुट्टी का लाभ मिलेगा। कई जगहों पर परीक्षाएं और शैक्षणिक गतिविधियाँ आगे बढ़ा दी गई हैं ताकि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैंकों में भी अवकाश - ग्राहकों के लिए अहम सलाह
RBI के 2025 हॉलिडे कैलेंडर के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में 24 नवंबर को बैंकिंग सेवाएं शाखा स्तर पर बंद रहेंगी। कैश डिपॉजिट, चेक क्लीयरेंस, डिमांड ड्राफ्ट जैसी लेनदेन सेवाएँ नहीं होंगी, इसलिए ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपना महत्वपूर्ण काम 22 नवंबर से पहले पूरा कर लें। हालाँकि, एटीएम, मोबाइल ऐप और नेट बैंकिंग की सुविधाएँ पहले की तरह चालू रहेंगी।
सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश
राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अधिसूचना जारी कर सभी विभागों-मंत्रालयों, न्यायालयों, निगमों और स्थानीय इकाइयों -में कार्य निलंबित करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ जिलों में भी स्थानीय प्रशासन ने इस दिन अवकाश का ऐलान किया है। इसके अलावा, पुलिस, चिकित्सा सेवाएं, परिवहन, बिजली और जलापूर्ति जैसी आवश्यक सुविधाएं निर्बाध रूप से चलती रहेंगी।
देशभर के गुरुद्वारों में भव्य आयोजन
इस महत्वपूर्ण दिन देश के प्रमुख गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन, अरदास और लंगर सेवा की तैयारियां तेज हैं। दिल्ली का शीश गंज साहिब, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, आनंदपुर साहिब और पटना साहिब में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुरुजी को नमन करने पहुंचेंगे। उनके बलिदान को याद करते हुए लोग मानवता, शांति और धार्मिक स्वतंत्रता के संदेश को दोहराएंगे।
क्यों मनाया जाता है शहीदी दिवस?
गुरु तेग बहादुर जी, सिखों के नौवें गुरु, ने 1675 में औरंगजेब के धार्मिक अत्याचारों के विरोध में अपना जीवन न्योछावर किया था। उनका बलिदान भारतीय इतिहास में धार्मिक स्वतंत्रता और मानव अधिकारों की रक्षा का अद्वितीय प्रतीक है। यही कारण है कि आज भी उनका शहीदी दिवस एक प्रेरणा बनकर पूरे देश में मनाया जाता है।
