नई GST नीति: होटल रूम किराए पर 7,500 रुपये से ऊपर होने पर 18% टैक्स
punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 11:41 AM (IST)

नेशनल डेस्क: होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने के दौरान GST को लेकर अक्सर कंफ्यूजन पैदा हो जाता है। क्या आपको पता है कि खाने पर 5% GST लगता है, लेकिन आइसक्रीम पर 18% GST क्यों लगता है? CBIC (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) ने अब इस मुद्दे पर स्पष्टता दी है। आइए जानते हैं कि होटल और रेस्टोरेंट में GST का हिसाब कैसे लगाया जाएगा। अगर आप भी अक्सर होटल या रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाते हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है। अगर आप किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, तो आपको अलग-अलग खाने की चीजों पर अलग-अलग जीएसटी देना होगा। उदाहरण के लिए, अगर आप सिर्फ खाना खाते हैं, तो 5% जीएसटी लगेगा, लेकिन अगर खाने के बाद आइसक्रीम ऑर्डर कर ली, तो इस पर 18% जीएसटी देना होगा।
क्या लगेगा 5% या 18% GST?
अगर आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में सिर्फ खाना खाते हैं, तो 5% GST लगेगा। लेकिन, अगर आप खाना खाने के बाद आइसक्रीम ऑर्डर करते हैं, तो उस पर 18% GST देना होगा। इसी तरह, रोटी और पराठे पर भी अलग-अलग टैक्स लगाया जाता है। अगर आप एक रोटी और दो पराठे खाते हैं, तो यह भी बिल पर असर डाल सकता है। इसके अलावा, एसी रेस्टोरेंट्स में चाहे एसी चल रहा हो या नहीं, सभी फूड आइटम्स पर 18% GST लगेगा।
7,500 रुपये से ऊपर के होटल रूम पर GST
सीबीआईसी ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी होटल के कमरे का किराया एक दिन में 7,500 रुपये से अधिक है, तो होटल को 'निर्दिष्ट परिसर' माना जाएगा। इस स्थिति में होटल के अंदर स्थित रेस्टोरेंट में 18% GST लगेगा, साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का भी लाभ मिलेगा। वहीं, यदि किराया 7,500 रुपये से कम है, तो उस पर 5% GST लगेगा और ITC का लाभ नहीं मिलेगा।
नए नियम: GST कैसे तय होगा?
सीबीआईसी ने नए नियमों के तहत होटल के कमरे के किराए के बजाय होटल की वास्तविक कमाई को आधार मानने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि अब होटल के किराए में उतार-चढ़ाव होने पर भी यह तय किया जाएगा कि होटल को 'निर्दिष्ट परिसर' माना जाए या नहीं।
कब कहां लगेगा कितना GST?
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने हाल ही में कहा है कि वित्त वर्ष में किसी भी समय कमरे का किराया 7,500 रुपये प्रतिदिन से अधिक वसूलने वाले होटल को अगले वित्त वर्ष के लिए निर्दिष्ट परिसर माना जाएगा और ऐसे परिसरों के अंदर प्रदान की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। एक अप्रैल, 2025 से, ऐसे रेस्तरां जो होटलों के अंदर संचालित होते हैं, उनकी करयोग्यता आपूर्ति के मूल्य (लेन-देन मूल्य) के आधार पर होगी। यह घोषित शुल्क की व्यवस्था की जगह लेगा। सीबीआईसी ने निर्दिष्ट परिसर में आपूर्ति की गई रेस्तरां सेवा विषय पर जारी अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) में कहा है , एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाली अवधि के लिए, पिछले वित्त वर्ष में होटल आवास की आपूर्ति का मूल्य, यानी उक्त आपूर्ति के लिए लिया गया लेनदेन मूल्य, यह निर्धारित करने का आधार होगा कि होटल आवास सेवा प्रदान करने वाला परिसर चालू वित्त वर्ष में अनिवार्य रूप से निर्दिष्ट परिसर की श्रेणी में आता है या नहीं।
ऑप्ट इन सिस्टम
होटल संचालकों को एक और विकल्प दिया गया है। अगर वे अगले वित्त वर्ष में अपने कमरे का किराया 7,500 रुपये से अधिक करने की योजना बनाते हैं, तो वे जनवरी से मार्च तक जीएसटी अधिकारियों के समक्ष ऑप्ट इन यानी व्यवस्था में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। इस नए GST नियमों से होटल और रेस्टोरेंट के बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। होटल के मालिक अब अपनी कमाई के आधार पर खुद को 'निर्दिष्ट परिसर' घोषित कर सकते हैं, जिससे वे 18% GST और ITC का फायदा उठा सकेंगे। इस बदलाव से होटल उद्योग को वित्तीय रूप से लाभ होगा।