कारगिल विजय दिवस: युद्ध की कुछ ऐसी अनदेखी तस्वीरें जिसे देखकर आपको सैनिकों पर होगा गर्व
punjabkesari.in Monday, Jul 26, 2021 - 12:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज कारगिल विजय दिवस है जिसे हर साल 26 जुलाई को उन शहीदों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। 60 दिन तक चले कारगिल युद्ध को हर साल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 20 साल पहले 26 जुलाई 1999 को हुए कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए। इस मौके पर हम कारगिल युद्ध की ऐसी अनदेखी तस्वीरें आपके लिए लेकर आए है, जिन्हें देखकर आप भारतीय सेना पर गर्व करेंगे।
साल 1999 में मई का महीना चल रहा था जब भारतीय सेना को सूचना मिली कि पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया है। पाकिस्तानियों का भारतीय सीमा में घुसना कोई छोटी बात नहीं थी वह भारत की जमीन पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रहे थे।
तब शुरु हुआ करगिल युद्ध। कारगिल विजय दिवस को आज पूरे 20 साल हो गए हैं। हर भारतीय के लिए 26 जुलाई गर्व का दिन है। इस दिन न सिर्फ भारतीय सेना पाकिस्तानी सैनिकों को करगिल की पहाडिय़ों से वापस खदेड़ दिया था, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत की तरफ आंख उठाने वाले को गंभीर अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं।
8 मई 1999 से शुरू हुआ कारगिल युद्ध 26 जुलाई को खत्म हुआ था। 60 दिन चले इस युद्ध में भारत ने अपने कई वीर सपूत गवाए लेकिन जवानों ने भारत माता का शीश झुकने नहीं दिया।
इस ऑप्रेशन में पाकिस्तान घुटने टेकने को मजबूर हो गया था। पाक सेना ने अपने 5000 जवानों को कारगिल पर चढ़ाई करने के लिए भेजा था, पाकिस्तान 1998 से इस युद्ध की तैयारी कर रहा था और अचानक ही भारत पर हमला करना चाहता था लेकिन भारतीय जवानों के अदम्य साहस और वीरत के सामने पाकिस्तान के यह घुसपैठिए अधिक दिनों तक नहीं टिक पाए।
हमारे सैनिकों के अद्वितीय साहस और बलिदान से कारगिल युद्ध में हमने विजय पाई और इसी कारण इसे ऑपरेशन विजय का नाम दिया गया। हमारे युवा अधिकारियों और जवानों द्वारा प्रदर्शित अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान की कहानियां हमारे दिमाग में हमेशा के लिए अंकित हैं।
26 जुलाई 1999 को युद्ध के अंत की औपचारिक घोषणा की गई और इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ज्ञात रहे कि 16 दिसंबर वास्तविक विजय दिवस, 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना पर भारतीय विजय का प्रतीक है। अब जब कि युद्ध को समाप्त हुए दो दशक दो दशक पूरे हो चुके हैं, जीत का जश्न मनाने और वीर पुरुषों के बलिदानों का सम्मान करने के अलावा, इससे सीखे गए सबक की समीक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Related News
Recommended News
J&K : टीवी एक्ट्रेस आमरीन भट्ट की हत्या करने वाले दोनों आतंकी ढेर, 3 दिन में 10 आतंकवादियों का सफाया

Recommended News

Shukra Pradosh Vrat 2022: सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए भोले बाबा पर चढ़ाएं ये वस्तु

Somvati Amavasya: दरिद्रता दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या पर इस विधि से करें स्नान

भारतीय नौसेना के सर्वेक्षण पोत ‘निर्देशक’ का जलावतरण किया गया

देश में कोविड-19 के 2,710 नए मामले, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 15,814 हुई