COVID-19: संक्रमित सतहों से कोरोना होने का जोखिम कम? क्या है CDC की नई गाइडलाइन

punjabkesari.in Monday, Apr 12, 2021 - 07:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दुनियाभर में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। कुछ ही हफ्तों में देश की हालत खराब होती जा रही है। भारत में कोरोना वायरस की जो लहर चल रही है वो कहर बन कर लोगों पर बरस रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के करीब 1.69 लाख केस सामने आए हैं। वहीं बीते 24 घंटे में 904 लोगों की मौत हुई है। फरवरी में जहां देश में कोरोना के मामले हर रोज़ 10 हजार तक आ रहे थे वहीं मार्च में वो आंकड़ा एक लाख प्रतिदिन तक पहुंचा लेकिन अप्रैल तो और भी डरा रहा है। वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि एक मरीज अपने संपर्क में आने वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों को संक्रमित कर रहा है, जबकि पहली लहर के दौरान ये आंकड़ा लगभग 30 प्रतिशत था। आईए जानते हैं क्या कहना है एसेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का।

PunjabKesari
 

सीडीसी ने 5 अप्रैल को जारी की स्टडी की रिपोर्ट
CDC ने 5 अप्रैल को स्टडी की रिपोर्ट जारी की है। वाइट हाउस में इसकी ब्रीफिंग के दौरान संस्था के डायरेक्टर डॉ रोशेल वालेंस्की ने बताया कि हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि संक्रमण सतह से फैल सकता है लेकिन इसकी आशंका इतनी कम है कि ये लगभग नहीं के जितना है. कोरोना वायरस असल में श्वसन तंत्र के जरिए फैलने वाला वायरस है, जो हवा से होते हुए फैलता है।

PunjabKesari

गाइडलाइन में हो रहा है लगातार संशोधन 
कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के बाद से लगातार CDC और विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बारे में स्टडी करते हुए नई गाइडलाइन जारी कर रहे हैं। ये इसलिए किया जा रहा है ताकि देश इसके मुताबिक अपने नियमों में बदलाव कर सकें और लोग सतर्क रहें। ऐसा हो भी रहा है कि इन्हीं की गाइडलाइन को देखते हुए देश में अपने यहां नियमों को और सख्त बनाते या ढील देते रहे। इस बारे में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सीडीसी मानता है कि संक्रमित सतह से बीमारी एक से दूसरे में जा सकती है लेकिन इसकी आशंका काफी कम होती है। इसे और साफ करते हुए सीडीसी बताता है कि जिस जगह पर संक्रमित व्यक्ति के जरिए वारयस पहुंचा है, उसे छूने पर स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो जाए, ऐसा केवल 10000 में से 1 मामले में हो सकता है। 

PunjabKesari

अस्पतालों के लिए बदल जाती है गाइडलाइन
अस्पतालों के लिए गाइडलाइन बदल जाती है क्योंकि वहां लगातार मरीजों के आने के कारण सरफेस ट्रांसमिशन का डर ज्यादा रहता है। एजेंसी ने इसके लिए अमेरिकन जर्नल ऑफ इंफेक्शन कंट्रोल को साइट किया। स्टडी में ये भी कहा गया कि वायरस के घर, दफ्तर या भीतर में फैलने की आशंका, बाहर खुले में फैलने से कम होती है।

PunjabKesari

सालभर के भीतर बदले निष्कर्ष
मार्च में द न्‍यू इंग्‍लैंड जर्नल में बताया गया था कि कोरोना वायरस आदर्श परिस्थितियों में किस सतह पर कितनी देर तक जिंदा रह सकता है। शोध रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस सख्‍त सतह और प्‍लास्टिक पर तीन दिन तक, जबकि कार्डबोर्ड पर 24 घंटे जिंदा रह सकता है। इसके बाद मई 2020 में नई गाइडलाइन लाते हुए बताया गया कि सतह से ज्यादा संक्रमण का खतरा हवा से होता है। 

PunjabKesari

सामान्य तौर पर साबुन या डिटर्जेंट से सफाई भी कारगर
सामान्य तौर पर साबुन या डिटर्जेंट से सफाई भी कारगर-सीडीसी सीडीसी के मुताबिक घरों के अंदर की सतहों मसलन, ग्लास, स्टील या प्लास्टिक पर कोविड-19 तीन दिनों से ज्यादा नहीं टिकता है। सीडीसी ने बताया है कि अस्पतालों के अलावा बाकी जगहों पर यदि कोई 24 घंटे के अंदर कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है ,तभी डीप क्लीनिंग की आवश्यकता है। नहीं तो साबुन और डिटरजेंट से सफाई ही काफी है। 

PunjabKesari

संक्रमित सतहों से कोरोना होने का जोखिम कम
 व्हाइट हाउस की ब्रिफिंग में बताया कि, 'संक्रमित सतहों या चीजों पर मौजूद वायरस के संपर्क में आकर लोग उससे प्रभावित हो सकते हैं, जिससे कि कोविड-19 हो सकता है हालांकि, तथ्यों से पता चलता है कि इस तरह से इंफेक्शन के ट्रांसमिशन का खतरा असल में कम है।' अपनी ताजा गाइडलाइन में सीडीसी ने कहा है कि संक्रमित सतहों से कोरोना हो सकता है, लेकिन 'सतहों से होने वाले कोविड-19 का प्रसार इसका मुख्य जरिया नहीं है।'

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News