माया, रूबी और बॉबी को भी काबुल से बचाकर लाया गया दिल्ली, ITBP जवान बोले-इन्होंने कई बार हमारी मदद की
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 03:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को वापिस लाया जा रहा है। मंगलवार को तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से ITBP के 99 कमांडों की टुकड़ी के साथ तीन खोजी कुत्ते भी भारत पहुंचे। मंगलवार को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर माया, रूबी और बॉबी अपने कमांडो के साथ विमान से उतरे। यह तीनों खोजी कुत्ते कंमाडों के साथ अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की सुरक्षा में तैनात थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कमांडो अपने साथ एके सीरीज के हथियार, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट, संचार उपकरण, गोला-बारूद और तीन खोजी कुत्ते भी साथ लाए हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित तीस राजनयिक, आईटीबीपी के 99 कमांडो और 21 नागरिक वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान में सवार थे।
अधिकारी ने बताया कि तीनों खोजी कुत्तों को ITBP के छावला कैंप में रखा गया है। अधिकारी ने बताया कि माया, रूबी और बॉबी ने कई बार अफगानिस्तान में सुरक्षा अधिकारियों की सहायता भी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों ने कई बार काबुल में भारतीय दूतावास के पास विस्फोटक को सूंघकर पहचान की और दूतावास के भारतीय कर्मचारियों तथा अफगान कर्मचारियों की सहायता की है। इन तीनों कुत्तों को हरियाणा के पंचकुला में स्थित डॉग ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षित किया गया है। ITBP के अनुसार तीनों कुत्ते जब भारतीय जमीन पर पहुंचे तो काफी खुश नजर आ रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि कमांडो अपने सभी निजी हथियार एवं सामान भी वापस लेकर आए हैं और वे दिल्ली में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के एक केंद्र में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत हफ्तेभर तक आइसोलेशन में रहेंगे।
हिंडन में उतरने के बाद आईटीबीपी टुकड़ी के कमांडर रविकांत गौतम ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण अभियान था, क्योंकि हम एक ऐसे देश से अपने लोगों को निकाल रहे थे, जहां सैन्यबलों की तैनाती नहीं है। भारत ने प्रयासों में बड़ा अच्छा तालमेल रखा एवं हमारे कमांडों ने जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने कहा कि जवान पिछले तीन-चार दिनों से सोये नहीं हैं और आखिरकार अब वे भारत में गहरी नींद लेंगे।
ITBP ने अफगानिस्तान में सुरक्षा ड्यूटी पर 300 से अधिक कमांडो को तैनात किया था। बल को पहली बार नवंबर, 2002 में काबुल दूतावास परिसर, राजनयिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। बाद में उसने अपनी अतिरिक्त टुकड़ियों को जलालाबाद, कंधार, मजार-ए-शरीफ और हेरात में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों की रक्षा के लिए भेजा। अफगानिस्तान में मौजूदा संकट के कारण वाणिज्य दूतावासों को हाल में बंद किए जाने के बाद से टुकड़ियों को पहले ही वापस ले लिया गया है।