लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित, संसद की अगली बैठक बुधवार को होगी
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 02:03 PM (IST)
नेशनल डेस्क : संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इस सत्र की शुरुआत के साथ ही दो राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के परिणाम भी चर्चा में हैं। महाराष्ट्र में भा.ज.पा. के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की, वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम गठबंधन ने जीत दर्ज की। इस जीत के बाद भा.ज.पा. के सांसद संसद में नए जोश के साथ मौजूद हैं। हालांकि, विपक्ष ने अडानी समूह के खिलाफ आरोपों को लेकर संसद में चर्चा की मांग की है, और इसे लेकर हंगामे की संभावना जताई जा रही है।
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
संसद की कार्यवाही की शुरुआत में लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। सबसे पहले, लोकसभा में दिवंगत सांसदों—वसंत राव चव्हाण, नूरुल इस्लाम, एम.एम. लॉरेंस, एम. पार्वती, और हरीश चंद्र देवराव चव्हाण को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में भी अडानी समूह के खिलाफ आरोपों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे। इस वजह से राज्यसभा की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई। सभापति ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे पर विपक्ष के नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं, और इस पर चर्चा नहीं हो सकती। अब दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार, 27 नवंबर को पुनः शुरू होगी।
सर्वदलीय बैठक का आयोजन
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरुआत से पहले, रविवार को एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक परंपरागत रूप से होती है और इसमें विभिन्न दलों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस बैठक में कुल 30 राजनीतिक दलों के 42 नेता शामिल हुए। इस बैठक में विपक्षी दलों ने अडानी समूह के खिलाफ अमेरिका में लगे आरोपों पर संसद में चर्चा कराने की मांग की। वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने स्पष्ट किया कि संसद में उठाए जाने वाले मुद्दों पर संबंधित अध्यक्ष की अनुमति से ही कार्रवाई की जाएगी और संबंधित समितियां निर्णय लेंगी। उन्होंने सभी दलों से संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का अनुरोध किया।
अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत की लोकतांत्रिक और आर्थिक अखंडता बनी रहे। वहीं, सपा सांसद रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा के लिए पूरी तरह से जिला प्रशासन जिम्मेदार है। वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
संभल हिंसा पर भी चर्चा
संभल हिंसा पर सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि अगर स्पीकर अनुमति देंगे, तो वह इस घटना को संसद में जरूर उठाएंगे। उन्होंने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और कहा कि यह बहुत ही दुखद है। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग की कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं होनी चाहिए।
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा
इस सत्र में एक महत्वपूर्ण विधेयक, वक्फ संशोधन विधेयक पर भी चर्चा होने की संभावना है। संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि रिपोर्ट तैयार है और इस पर सभी सदस्यों के बीच सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक पर विचार करने के लिए समिति के कार्यकाल को 29 नवंबर तक बढ़ाने की मांग की है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने बताया कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की है और यह कहा कि रिपोर्ट जल्दबाजी में तैयार नहीं की जा सकती। उन्होंने भी कहा कि समिति की कार्यवाही का समय बढ़ाया जाए ताकि सभी हितधारकों की बात सुनी जा सके।
डिजिटल हस्ताक्षर प्रणाली की शुरुआत
अब लोकसभा में सांसदों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए एक नई प्रणाली लागू की गई है। पहले मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब सांसदों को डिजिटल पेन द्वारा एक इलेक्ट्रॉनिक टैब पर हस्ताक्षर करके अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। लोकसभा की ओर से जारी नोटिस में यह जानकारी दी गई है कि अब यह प्रक्रिया लागू की जाएगी।
संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, जिसमें अडानी मुद्दा, संभल हिंसा, और वक्फ विधेयक जैसे बड़े विषय शामिल हैं। विपक्ष के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर हंगामा होने की संभावना है, और सरकार ने भी संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया है। इस सत्र में कई अहम निर्णय लिए जा सकते हैं, जिनसे देश की राजनीति और समाज पर गहरा असर पड़ेगा।