Indian Rupee value: 100 रुपये = 48,800... भारतीय रुपये से भी कमजोर हैं इन देशों की करेंसी!
punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 10:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जब भी हम विदेश यात्रा या पढ़ाई-बिजनेस के लिए विदेश जाने की योजना बनाते हैं, तो सबसे पहले हम उस देश की करेंसी की तुलना भारतीय रुपये से जरूर करते हैं। आमतौर पर डॉलर, यूरो या पाउंड जैसी मजबूत मुद्राएं ध्यान में आती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां की मुद्रा इतनी कमजोर है कि वहां भारत के 100 रुपये लाखों में तब्दील हो जाते हैं?
दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी: ईरानी रियाल
ईरान की करेंसी 'ईरानी रियाल' इस समय दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी मानी जाती है। 2024 की फोर्ब्स रिपोर्ट के अनुसार, एक भारतीय रुपया करीब 488 ईरानी रियाल के बराबर है। यानी भारत के केवल 100 रुपये के बदले करीब 48,800 रियाल और 1000 रुपये के बदले लगभग 4.88 लाख रियाल मिलते हैं।
क्यों टूटी ईरान की मुद्रा की कमर?
ईरान की करेंसी इतनी कमजोर होने की कई अहम वजहें हैं:
ईरान-इराक युद्ध और उसका लंबा असर
परमाणु कार्यक्रम को लेकर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध
राजनीतिक अस्थिरता और बिगड़ता विदेशी मुद्रा भंडार
इन सब कारणों ने मिलकर ईरान की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह हिला दिया, जिसका सीधा असर उसकी करेंसी पर पड़ा।
ये देश भी हैं करेंसी के लिहाज से 'कमजोर'
ईरान के अलावा और भी कई देश हैं जहां की करेंसी भारतीय रुपये के मुकाबले काफी पीछे है:
वियतनाम – 1 रुपया = 299 वियतनामी डोंग
इंडोनेशिया – 1 रुपया = करीब 185 इंडोनेशियाई रुपिया
सिएरा लियोन – 1 रुपया = सैकड़ों लियोन
लाओस – 1 रुपया = लगभग 240 लाओ किप
उज्बेकिस्तान – 1 रुपया = करीब 150 उज्बेक सोम
इन देशों में भारतीय करेंसी की क्रय शक्ति काफी मजबूत नजर आती है।
आखिर मुद्रा कमजोर क्यों होती है?
किसी भी देश की करेंसी के कमजोर होने के पीछे ये कारण प्रमुख होते हैं:
लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति (Inflation)
विदेशी निवेश में गिरावट
राजनीतिक अस्थिरता
आयात-निर्यात में असंतुलन
अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध
आम जनता की जेब पर असर
मुद्रा की गिरावट सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों की जेब पर भी असर डालती है। कमज़ोर करेंसी का मतलब होता है—
ज़रूरी वस्तुएं महंगी
विदेश से आयात महंगा
जीवन स्तर में गिरावट
क्रय शक्ति में कमी