यहां कमाएं 800 रुपये भारत में आकर हो जाएंगे 1 लाख 14 हजार, जानें कौन सा है वह देश
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 12:58 PM (IST)
नेशनल डेस्क : दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिनकी करेंसी भारतीय रुपये की तुलना में काफी अधिक मूल्य वाली है। कुवैत, बहरीन, ओमान और ब्रिटिश पाउंड जैसी मुद्राओं की तरह जॉर्डन की मुद्रा - Jordanian Dinar (JOD) भी इस सूची में प्रमुख है। लगभग 1 करोड़ 12 लाख की आबादी वाला जॉर्डन आर्थिक रूप से छोटा देश जरूर है, लेकिन उसकी करेंसी की अंतरराष्ट्रीय कीमत बेहद ऊंची है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 जॉर्डेनियन दिनार की कीमत भारतीय मुद्रा में करीब 126.8 रुपये होती है। इसके मुकाबले 1 भारतीय रुपया सिर्फ 0.00788 JOD के बराबर है। यानी यदि कोई भारतीय जॉर्डन में 800 जॉर्डेनियन दिनार कमाए, तो भारत में उसकी कीमत लगभग 1 लाख 14 हजार रुपये बैठती है।
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दुनिया की चौथी सबसे मूल्यवान करेंसी
कीमत के आधार पर देखें तो जॉर्डेनियन दिनार दुनिया की चौथी सबसे महंगी मुद्रा है। इसके आगे कुवैती दिनार, बहरीनी दिनार और ओमानी रियाल आते हैं। यही वजह है कि JOD को दुनिया की सबसे स्थिर और भरोसेमंद मुद्राओं में गिना जाता है।
जॉर्डेनियन दिनार इतना मजबूत क्यों है?
जॉर्डन में बड़े तेल भंडार नहीं हैं, फिर भी उसकी मुद्रा ऊंचे स्तर पर बनी रहती है। इसका मुख्य कारण है जॉर्डन का मजबूत आर्थिक ढांचा और स्थिर विनिमय दर नीति।
- जॉर्डन अपनी मुद्रा को अमेरिकी डॉलर से निर्धारित (पेग्ड) दर पर जोड़कर रखता है, जिससे अचानक उतार–चढ़ाव नहीं होता।
- देश का केंद्रीय बैंक सख्त मौद्रिक नीति अपनाता है और बाजार में मुद्रा की आपूर्ति सीमित रखता है।
- अर्थव्यवस्था आकार में छोटी है लेकिन स्थिर है, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा बना रहता है।
भारतीय रुपया कमजोर क्यों दिखता है?
भारतीय रुपया एक फ्री-फ़्लोटिंग मुद्रा है, यानी इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार, कच्चे तेल के दाम, आयात-निर्यात, राजनीतिक माहौल और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से बदलती रहती है। यही वजह है कि रुपये में उतार–चढ़ाव ज्यादा देखने को मिलता है और इसकी वैल्यू जॉर्डेनियन दिनार के मुकाबले काफी कम रहती है।
कौन नियंत्रित करता है जॉर्डेनियन दिनार?
जॉर्डन की पूरी मुद्रा प्रणाली का संचालन सेंट्रल बैंक ऑफ जॉर्डन करता है। यही संस्था नोट छापने, सिक्के जारी करने और मुद्रा नीति तय करने का काम करती है। 1964 में स्थापना के बाद से ही बैंक ने मुद्रा को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है।
जॉर्डन के नोट और सिक्के
जॉर्डन में चलने वाले सभी नोट और सिक्के केंद्रीय बैंक के द्वारा जारी किए जाते हैं। कड़े नियंत्रण और सीमित सप्लाई के कारण जॉर्डेनियन दिनार अनियंत्रित बाजार प्रभावों से काफी हद तक सुरक्षित रहता है और अपनी कीमत बनाए रखता है।
