मिडिल बर्थ पर देर तक सोना पड़ सकता है भारी, सफर करने से पहले जान लें रेलवे का ये नियम
punjabkesari.in Sunday, Jul 20, 2025 - 04:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ट्रेन में सफर के दौरान अक्सर यात्रियों के बीच मिडिल बर्थ को लेकर असमंजस और बहस की स्थिति देखने को मिलती है। खासकर स्लीपर और एसी कोच में यह समस्या आम है, जहां कुछ यात्री सुबह देर तक मिडिल बर्थ पर लेटे रहते हैं, जिससे नीचे वाली सीट पर बैठे यात्रियों को असुविधा होती है। अब इसको लेकर भारतीय रेलवे ने स्पष्ट गाइडलाइन जारी की है, जिसे सभी यात्रियों को पालन करना जरूरी है।
क्या कहता है रेलवे का नियम?
रेलवे के अनुसार, मिडिल बर्थ पर सोने का समय रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक निर्धारित किया गया है। इस तय समय के बाद यात्रियों को मिडिल बर्थ फोल्ड करके नीचे बैठने की जगह देनी होती है। सुबह 6 बजे के बाद यदि कोई यात्री मिडिल बर्थ पर लेटा रहता है, तो यह नियम का उल्लंघन माना जाएगा। रेलवे ने यह नियम सभी यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाया है ताकि किसी को भी यात्रा के दौरान असुविधा न हो।
नियम नहीं मानने पर क्या करें यात्री?
यदि कोई यात्री सुबह 6 बजे के बाद भी मिडिल बर्थ फोल्ड नहीं करता और नीचे बैठने वाले यात्रियों को परेशान करता है, तो आप टीटीई या कोच अटेंडेंट से इसकी शिकायत कर सकते हैं। रेलवे के कर्मचारी उस यात्री को नियम समझाकर सीट फोल्ड करवाएंगे। यदि कोई यात्री बार-बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे चेतावनी भी दी जा सकती है। हालांकि, अधिकांश मामलों में टीटीई के समझाने के बाद समस्या का समाधान हो जाता है।
हर यात्री को नियम का पालन करना अनिवार्य
मिडिल बर्थ के लिए तय की गई यह समय-सीमा न केवल सुविधा, बल्कि यात्रियों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। ऐसे में यदि आप ट्रेन यात्रा कर रहे हैं तो इस नियम का पालन करें और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें।