ITR खुद भरने की गलती पड़ सकती है भारी, जानिए बिना CA के रिटर्न फाइल करने के 5 बड़े नुकसान

punjabkesari.in Thursday, Jul 10, 2025 - 01:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आयकर रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने का समय आते ही लोग सोचते हैं कि क्यों न खुद ही ITR फाइल कर ली जाए। आजकल ऑनलाइन फॉर्म भरना आसान हो गया है और बहुत से लोगों को लगता है कि इसमें एक्सपर्ट की जरूरत नहीं। लेकिन अगर आप बिना किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की सलाह के रिटर्न फाइल करते हैं तो यह गलती आपको महंगी पड़ सकती है। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि ITR Filing में कहां-कहां चूक हो सकती है और क्यों CA की मदद लेना फायदे का सौदा है।

1. गलत ITR फॉर्म भरने से रिटर्न हो सकता है रिजेक्ट

ITR के कुल सात प्रकार के फॉर्म होते हैं - ITR-1 से लेकर ITR-7 तक। हर फॉर्म का अलग उद्देश्य होता है और इनकम के सोर्स के आधार पर इनका चुनाव किया जाता है।
अगर आपने अपनी इनकम के हिसाब से गलत फॉर्म चुन लिया तो पूरा रिटर्न अमान्य हो सकता है। ऐसे में न सिर्फ आपका समय बर्बाद होता है बल्कि दोबारा प्रक्रिया शुरू करनी पड़ती है। वहीं, CA आपकी इनकम और खर्चों का सही विश्लेषण करके बताता है कि कौन सा फॉर्म आपके लिए सही है।

2. टैक्स छूट का पूरा लाभ नहीं उठा पाते

आम करदाता अक्सर यह नहीं जान पाते कि उन्हें किन-किन सेक्शन के तहत टैक्स डिडक्शन मिल सकता है। जैसे - सेक्शन 80C, 80D, 80G, HRA आदि।
अगर आप खुद रिटर्न भरते हैं तो हो सकता है कि इन सेक्शन का पूरा लाभ ना उठा पाएं। CA इन सभी सेक्शन की बारीक जानकारी रखता है और आपकी इनकम व खर्चों के आधार पर बताता है कि कहां-कहां टैक्स में छूट ली जा सकती है।

3. गलती हुई तो मिल सकता है आयकर विभाग से नोटिस

ITR Filing में एक छोटी सी गलती जैसे कि इनकम छुपाना या गलत डिडक्शन दिखाना भारी पड़ सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐसे मामलों में नोटिस भेजता है जो कानूनी कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है। CA इस तरह की गलतियों से आपको बचाता है। अगर गलती से भी नोटिस आ जाता है तो वह खुद उसका जवाब तैयार करता है जिससे आप बेवजह की परेशानी से बच जाते हैं।

4. रिफंड में हो सकती है देरी या अटक सकता है पैसा

बहुत से लोग रिफंड का बेसब्री से इंतजार करते हैं। लेकिन अगर आपने फॉर्म में गलत या अधूरी जानकारी दी है तो रिफंड की प्रक्रिया में देरी हो सकती है या फिर पैसा अटक सकता है।
एक अनुभवी CA समय पर, सही जानकारी के साथ रिटर्न फाइल करता है जिससे रिफंड जल्दी और आसानी से मिल जाता है।

5. जटिल इनकम स्ट्रक्चर में हो सकती है भारी गड़बड़ी

अगर आप फ्रीलांसर हैं, बिजनेस करते हैं या आपकी इनकम के कई स्रोत हैं जैसे किराया, ब्याज, निवेश आदि  तो ITR Filing थोड़ा पेचीदा हो जाता है।
CA आपके इनकम स्ट्रक्चर को समझकर सही कैलकुलेशन करता है और जरूरत पड़ने पर ऑडिट भी करवाता है। इससे आप अपने काम पर ध्यान दे सकते हैं और टैक्स से जुड़ी सभी ज़िम्मेदारियाँ CA संभालता है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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