चीन की मनमानी पर सख्त हुआ भारतीय विदेश मंत्रालय, कहा ऐसी मनमानी कार्रवाई विश्वास को नुकसान पहुंचाती है
punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 02:01 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत ने चीन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। भारत द्वारा ये चेतावनी अरुणाचल प्रदेश की एक महिला नागरिक को शंघाई हवाई अड्डे पर कथित तौर पर परेशान करने और हिरासत में लेने की घटना के बाद दी है। भारत ने कहा है कि चीन का कोई भी मनमाना कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए जरूरी आपसी विश्वास और समझ को बनाने में नुक्सानदायक होगा।
<
🚨 BIG BREAKING
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 26, 2025
🇮🇳 India WARNS China that its “ARBITRARY ACTIONS” will DAMAGE trust and HINDER the normalisation of bilateral ties. pic.twitter.com/8ZTwgcyIt9
>
सख्त हुआ भारतीय विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत ने इस घटना पर चीन को एक कड़ा विरोध पत्र जारी किया है। दिल्ली और बीजिंग दोनों जगहों पर चीनी पक्ष के समक्ष इस मुद्दे को उठाया गया है। जायसवाल ने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच सामान्य संबंध बनाए रखने के लिए सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखना जरुरी है।
ये था मामला
यह पूरा विवाद 21 नवंबर को हुई एक घटना से शुरू हुआ। ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक लंदन से जापान की यात्रा कर रही थीं और शंघाई हवाई अड्डे पर रुकी थीं। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी मात्र 3 घंटे की यात्रा 18 घंटे की कठिन परीक्षा में बदल गई। इसके पीछे की वजह Chinese immigration officials द्वारा उनके पासपोर्ट को सिर्फ अमान्य घोषित करना था, क्योंकि उसमें अरुणाचल प्रदेश को उनका जन्मस्थान बताया गया था।
चीन ने दावे को दोहराया
चीन ने मंगलवार को महिला से दुर्व्यवहार के आरोपों को तो खारिज कर दिया, लेकिन इस घटना का इस्तेमाल एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश पर अपने क्षेत्रीय दावे को पुष्ट करने के लिए किया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, "जांगनान (अरुणाचल प्रदेश) चीन का क्षेत्र है। चीन ने कभी भी भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को स्वीकार नहीं किया।" चीन के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पेमा वांगजोम थोंगडोक ने कहा कि चीन का यह दावा (कि अरुणाचल प्रदेश 'भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित' किया गया) इस बात की पुष्टि करता है कि उनकी नजरबंदी और उनके साथ किया गया शत्रुतापूर्ण व्यवहार दुर्भावना से प्रेरित था।
भारत ने साफ किया है कि दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2024 से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए मिलकर काम किया है, लेकिन चीन के मनमाने कदम इस प्रगति को नुकसान पहुंचाएंगे।

