ब्राजील के जलवायु शिखर सम्मेलन में चीन ने संभाली कमान, अमेरिका पीछे हटा
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 11:49 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः ब्राजील के अमेज़न शहर बेलेम में हो रहे यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन COP30 में इस बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अमेरिका पहली बार 30 साल में आधिकारिक तौर पर सम्मेलन से अनुपस्थित है और इसी खाली जगह को चीन ने तेजी से भर दिया है। सम्मेलन स्थल के मुख्य प्रवेश द्वार पर चीन का विशाल पैवेलियन, उसकी बड़ी कंपनियों की मौजूदगी और उसके अधिकारियों की सक्रिय कूटनीति ने इसे इस साल का सबसे प्रभावशाली देश बना दिया है।
अमेरिका के हटते ही चीन की भूमिका बढ़ी
चीन के पैवेलियन में CATL, BYD, State Grid, Trina Solar और Longi जैसी दिग्गज ग्रीन-टेक कंपनियां लगातार प्रेजेंटेशन दे रही हैं। उनका फोकस है नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, और ग्रीन सप्लाई चेन। चीन के प्रतिनिधि लगातार दूसरे देशों से मुलाकात कर रहे हैं और क्लाइमेट नेगोशिएशन के माहौल को सकारात्मक रखने की कोशिश कर रहे हैं।
IRENA के डायरेक्टर जनरल फ्रांसेस्को ला कैमरा ने कहा: “कूटनीति हमेशा खाली जगह की ओर बहती है,अमेरिका के हटने से वह जगह चीन ने ले ली है।”
क्यों पीछे हटा अमेरिका?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से जलवायु समझौतों के आलोचक बनकर सामने आए हैं। ट्रंप ने अमेरिका को दोबारा पेरिस जलवायु समझौते से बाहर कर दिया है। इस साल उन्होंने COP30 में एक भी हाई-लेवल अमेरिकी प्रतिनिधि नहीं भेजा। व्हाइट हाउस प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा: “ट्रंप अस्पष्ट क्लाइमेट लक्ष्यों के लिए अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा दांव पर नहीं लगा सकते।” विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिका का यह कदम वैश्विक जलवायु राजनीति में उसकी पकड़ कमजोर करता है।
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूज़ॉम ने चेतावनी दी: “अगर हमने जागरूकता नहीं दिखाई, तो नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग में अमेरिका चीन से बहुत पीछे रह जाएगा।”
चीन का विशाल COP30 पैवेलियन—पहले से कई गुना बड़ा
इस बार चीन का पैवेलियन सम्मेलन के प्रवेश द्वार के ठीक बगल में है। यहां टॉप चीनी कंपनियाँ अंग्रेज़ी में प्रेजेंटेशन दे रही हैं। आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए सस्टेनेबल कॉफी, पांडा थीम वाले गिफ्ट्स और टेक डेमो रखे गए हैं।
CATL के वाइस प्रेसिडेंट मेंग जियांगफेंग ने कहा: “आइए मिलकर पेरिस समझौते के विज़न को आगे बढ़ाएं—एक स्वच्छ और सुंदर दुनिया बनाएं।” CATL दुनिया के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हर तीसरी बैटरी सप्लाई करता है—टेस्ला, फोर्ड और वोक्सवैगन जैसे दिग्गज ग्राहक हैं।
दक्षिणी देशों को भी फायदा—चीन का दावा
चीन के पर्यावरण उप मंत्री ली गाओ ने कहा: “दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता होने से विकासशील देशों को भारी फायदा हुआ है।” चीन ने COP30 के लिए BYD के प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों की एक पूरी फ्लीट भी उपलब्ध कराई है, जो बायोफ्यूल पर भी चल सकते हैं। ब्राज़ील के अधिकारी भी चीन के योगदान की तारीफ कर रहे हैं: चीन अपनी ऊर्जा क्रांति को दुनिया के लिए लाभकारी बना रहा है, कम दामों पर साफ ऊर्जा उपलब्ध हो रही है।
नेगोशिएशन में भी सक्रिय — अमेरिका की कमी पूरी कर रहा चीन
बैठकों में भी चीन का असर साफ दिख रहा है। पहले जहां चीन केवल अपने मुद्दों पर बोलता था, इस बार वह विभिन्न देशों को सहमति तक लाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। ब्राज़ील के एक राजनयिक ने बताया कि चीन ने COP30 का एजेंडा फाइनल करवाने में अहम भूमिका निभाई।
क्या चीन वाकई ‘लीडर’ की भूमिका निभा रहा है?
कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि चीन का नेतृत्व अभी आंशिक है: चीन ने अपने उत्सर्जन को 2035 तक केवल 7% घटाने का लक्ष्य रखा है, कई देशों को यह काफी नहीं लगता। लेकिन दूसरों का कहना है कि चीन की टेक्नोलॉजी ही दुनिया को नेट-जीरो तक पहुँचने में सबसे बड़ा योगदान दे रही है।
एशिया सोसाइटी की चीन विशेषज्ञ ली शुओ का कहना है: “सबसे ताकतवर देश वह नहीं होता जो COP में सबसे जोर से बोलता है, बल्कि वह होता है जो असल में ग्रीन टेक बना रहा होता है।”
