7 साल में बदलेगा खेल! भारत का गुप्त मेगा प्लान उजागर- भारत ने चला ₹7280 करोड़ का ऐसा दांव जो चीन नहीं रोक पाएगा
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 06:33 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत ने वैश्विक पावर बैलेंस को बदल सकने वाला बड़ा कदम उठाया है। जिन रेयर अर्थ मिनिरल्स पर चीन वर्षों से अपनी पकड़ के दम पर दुनिया को शर्तें सुनाता रहा—अब भारत उसी क्षेत्र में मजबूत प्रवेश करने जा रहा है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन मिनिरल्स का इस्तेमाल रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, EV मोटर्स और हाई-टेक मैग्नेट जैसे सेक्टरों में होता है। ऐसे में भारत का यह मिशन सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक स्तर पर भी गेम चेंजर साबित हो सकता है।
भारत की रेयर अर्थ क्रांति की शुरुआत
केंद्र सरकार ने कैबिनेट में 7280 करोड़ रुपये की मेगा “Rare Earth Magnet Manufacturing Scheme” को मंजूरी दे दी है। यह योजना सात वर्षों तक चलेगी, जिसमें रेयर अर्थ मिनरल्स की खोज, खनन, रिफाइनिंग और हाई-एंड मैग्नेट बनाने तक की पूरी वैल्यू चेन विकसित की जाएगी।
योजना की मुख्य बातें
भारत में पहली बार बड़े पैमाने पर रेयर अर्थ मैग्नेट इंडस्ट्री का विकास
विदेशों से निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
शुरुआती चरण में करीब 6000 टन मैग्नेट उत्पादन क्षमता तैयार की जाएगी
खनन से लेकर प्रोसेसिंग और सप्लाई चेन तक पूरी प्रक्रिया को स्वदेशी बनाया जाएगा
क्यों है यह चीन को चुनौती देने वाला कदम?
दुनिया भर में रेयर अर्थ का साम्राज्य अभी चीन के पास है—
60–70% ग्लोबल रॉ प्रोडक्शन
90% रिफाइनिंग और प्रोसेसिंग क्षमता
इसी कारण चीन ने कई बार सप्लाई रोकने की धमकियाँ देकर देशों को दबाया। यही कारण है कि अमेरिका सहित कई देशों की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री चीन के इशारों पर टिकी हुई है।
भारत की इस योजना से दो बड़ी स्थितियां बदलेंगी—
चीन पर निर्भरता कम होगी
वैश्विक सप्लाई चेन में भारत एक नया पावर के रूप में उभरेगा
अमेरिका के लिए भी बदलेगी तस्वीर
रेयर अर्थ की राजनीति में अमेरिका और चीन लंबे समय से आमने-सामने हैं। लेकिन चीन की मोनोपॉली के चलते अमेरिका भी दबाव महसूस करता है। भारत के इस नए प्लान से—
अमेरिका को चीन के मुकाबले एक विश्वसनीय सप्लायर मिलेगा
भारत का स्ट्रैटेजिक महत्व कई गुना बढ़ जाएगा
एशिया में बैलेंस ऑफ पावर की नई कहानी लिखी जाएगी
गुमटी से शुरू हुई कहानी, अब ग्लोबल प्लेयर बनने की तैयारी
भारत दुनिया के उन पांच देशों में शामिल है जहाँ रेयर अर्थ का बड़ा भंडार है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब तक यह क्षमता अनछुई थी। नई योजना के साथ भारत पहली बार इस क्षेत्र में संगठित और बड़े पैमाने पर कदम बढ़ा रहा है।
नतीजा—टेक्नोलॉजी, रक्षा, और इंडस्ट्री में नई क्रांति
EV सेक्टर को बड़े पैमाने पर फायदा
डिफेंस मैग्नेट्स में आत्मनिर्भरता
इलेक्ट्रॉनिक्स और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
निर्यात से नया विदेशी मुद्रा स्रोत
भारत का यह कदम आने वाले वर्षों में वैश्विक उद्योग, राजनीति और आर्थिक शक्ति संतुलन को प्रभावित करेगा।
जो मिनरल आज चीन अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करता है—उसी खेले में भारत अब नई चौसर बिछाने को तैयार है।
