भारत का सबसे अमीर गांव, जहां के लोगों का 7000 करोड़ रुपए बैंकों में है जमा

punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 06:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जब भी हम अमीर शहरों की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसे नाम आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एशिया का सबसे अमीर गांव भारत में स्थित है? यह गांव है गुजरात के कच्छ जिले का माधापार। इस गांव की पहचान सिर्फ उसकी समृद्धि के कारण नहीं बल्कि यहां के शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंकिंग सिस्टम की वजह से भी है। माधापार गांव गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है और इसकी कुल आबादी करीब 32,000 है। यह गांव भारत और एशिया का सबसे अमीर गांव माना जाता है क्योंकि यहां के निवासियों के पास बैंकों में करीब 7000 करोड़ रुपये जमा हैं। यह रकम देश के कई छोटे राज्यों की कुल संपत्ति से भी ज्यादा है। माधापार गांव को देखने पर यह किसी शहर से कम नहीं लगता। यहां की सड़कों की गुणवत्ता, पानी की आपूर्ति, स्वच्छता व्यवस्था, स्कूल, अस्पताल और मंदिर किसी भी बड़े शहर को टक्कर देते हैं। यहां के लोग मुख्य रूप से पटेल समुदाय से आते हैं, जिन्होंने गांव के विकास में बड़ा योगदान दिया है।

शानदार बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर

माधापार गांव को खास बनाने वाली चीजों में से एक इसका बैंकिंग सिस्टम है। यहां 17 बड़े बैंकों की शाखाएं हैं, जिनमें एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एक्सिस बैंक जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। गांव के लोगों ने बैंकों में 7000 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट करवाई हुई है, जो यहां की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। यह भारत के अन्य गांवों के मुकाबले बिल्कुल अलग और खास बनाता है।
माधापार गांव के अमीर होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है विदेश में बसे नॉन-रेजिडेंट इंडियंस (NRIs)। इस गांव के करीब 1200 परिवार विदेशों में, खासकर अफ्रीकी देशों में, बस चुके हैं। ये एनआरआई अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा माधापार के स्थानीय बैंकों में जमा करते हैं, जिससे गांव की अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूती मिलती है।

खेती और अन्य व्यवसाय भी देते हैं मजबूती

हालांकि एनआरआई की कमाई गांव की आर्थिक ताकत का बड़ा कारण है, लेकिन माधापार की कृषि भी इसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां मुख्य रूप से आम, मक्का, गन्ना और अन्य फसलों की खेती होती है। इन उत्पादों को न केवल स्थानीय बाजार में बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में भी बेचा जाता है।

माधापार विलेज एसोसिएशन: गांव के विकास का रहस्य

माधापार के लोग अपने गांव को बेहतर तरीके से संगठित और प्रबंधित करने के लिए एक खास संगठन से जुड़े हुए हैं, जिसका नाम माधापार विलेज एसोसिएशन (Madhapar Village Association) है। यह संगठन 1968 में लंदन में बनाया गया था और इसका उद्देश्य माधापार गांव और विदेशों में बसे उसके लोगों के बीच एक मजबूत संबंध बनाए रखना है। यह संगठन गांव के विकास में भी मदद करता है।

माधापार क्यों है खास?

  • एशिया का सबसे अमीर गांव, जिसकी कुल बैंक डिपॉजिट 7000 करोड़ रुपये से अधिक है।

  • एनआरआई का बड़ा योगदान, जो विदेशों में रहकर भी गांव की तरक्की में हिस्सा लेते हैं।

  • बेहतर बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम, जिससे गांव का हर नागरिक आर्थिक रूप से मजबूत है।

  • शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर, जिसमें अच्छी सड़कें, पानी की सुविधा, स्वास्थ्य सेवाएं और स्कूल शामिल हैं।

  • खेती और अन्य आर्थिक गतिविधियां, जो गांव को आत्मनिर्भर बनाती हैं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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