सिर्फ बिजनेस में ही नहीं, भारत के सबसे अमीर लोग इन जगहों पर भी लगाते हैं पैसा, जवाब कर देगा हैरान!

punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क। जब हम भारत के सबसे अमीर लोगों की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में आलीशान बंगले, महंगी कारें और लग्जरी लाइफस्टाइल की तस्वीरें उभरती हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये अरबपति अपना पैसा आखिर लगाते कहाँ हैं? बैंक में एफडी? शेयर बाजार में या फिर सोने-चांदी में? आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के सबसे रईस लोग अब इन पारंपरिक तरीकों से हटकर ऐसे नए और हाई-रिटर्न वाले निवेश ऑप्शन्स चुन रहे हैं जिनके नाम तक आम लोगों ने शायद ही सुने हों। अब इनकी दिलचस्पी प्राइवेट इक्विटी, विदेशी स्टार्टअप्स और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) जैसी जगहों पर है। यह सिर्फ पैसा लगाने का मामला नहीं है यह भविष्य को लेकर दूरदृष्टि दिखाने का मामला है। आइए जानें कि देश के टॉप अरबपति अब किस सोच और रणनीति के साथ अपनी दौलत को बढ़ा रहे हैं और उनके निवेश के वे राज क्या हैं जो आपके लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं।

कहाँ लगा रहे हैं अमीर लोग पैसे?

भारत के 'अल्ट्रा रिच' यानी देश के सबसे अमीर लोगों ने निवेश के तरीके पूरी तरह से बदल दिए हैं। अब उनका ध्यान सिर्फ शेयर बाजार, सोना या रियल एस्टेट पर नहीं है बल्कि वे ऐसे स्मार्ट और हाई-रिटर्न वाले विकल्पों में पैसा लगा रहे हैं जिनके बारे में आम निवेशक शायद सोच भी न पाएँ।

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प्राइवेट इक्विटी और AIFs में बढ़ती दिलचस्पी

देश के अरबपति अब पारंपरिक निवेश से हटकर प्राइवेट इक्विटी (PE), वेंचर कैपिटल (VC) और AIFs (Alternative Investment Funds) जैसे विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये ऐसे निवेश हैं जो जोखिम भरे ज़रूर होते हैं लेकिन सही फैसलों पर ज़बरदस्त मुनाफा भी देते हैं।

क्या हैं AIFs?

AIFs यानी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (वैकल्पिक निवेश फंड) वे खास तरह के निवेश फंड होते हैं जो पारंपरिक बाजारों से हटकर नए और इनोवेटिव क्षेत्रों में पैसा लगाते हैं जैसे स्टार्टअप्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थटेक आदि। ये फंड्स खास तौर पर उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (HNIs) और संस्थागत निवेशकों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।

 

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विदेशों में भी हो रहा बड़ा निवेश

अब अमीरों की नज़र सिर्फ भारतीय बाजारों पर नहीं है। वे अमेरिका, यूरोप और एशिया की कंपनियों, स्टार्टअप्स और हेज फंड्स में भी खुलकर पैसा लगा रहे हैं। खास बात यह है कि भारत सरकार ने हाल के वर्षों में विदेशी निवेश को लेकर नियमों में ढील दी है जिससे यह रुझान और बढ़ा है। यह वैश्विक स्तर पर विविधीकरण की रणनीति का हिस्सा है।

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फैमिली ऑफिस से होता है निवेश का पूरा मैनेजमेंट

देश के कई हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) अब अपनी पूरी संपत्ति को फैमिली ऑफिस के ज़रिए मैनेज करवा रहे हैं। ये फैमिली ऑफिस प्रोफेशनल्स की एक टीम होती है जो निवेश, टैक्स प्लानिंग, विरासत और फाइनेंशियल प्लानिंग जैसी चीज़ों को पूरे परिवार के लिए संभालती है। यह एक व्यावसायिक और रणनीतिक दृष्टिकोण है जो बड़े पैमाने पर धन प्रबंधन में मदद करता है।

रियल एस्टेट और स्टार्टअप्स अभी भी पसंदीदा

हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार अल्ट्रा रिच लोग अपने निवेश का 32% हिस्सा शेयर बाजार में 29% रियल एस्टेट में और 18% प्राइवेट इक्विटी, AIFs और क्रिप्टोकरेंसी में लगा रहे हैं। इनमें से हेल्थटेक, ग्रीन एनर्जी और फिनटेक जैसे सेक्टर उनके सबसे पसंदीदा बने हुए हैं क्योंकि इनमें भविष्य में जबरदस्त ग्रोथ की संभावनाएँ दिखती हैं।

 

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क्यों बदल रहे हैं निवेश के तरीके?

पारंपरिक विकल्पों जैसे एफडी या गोल्ड में रिटर्न सीमित होता है जबकि प्राइवेट इक्विटी और विदेशी फंड्स में ज़्यादा मुनाफा मिलता है। इसके अलावा अलग-अलग सेक्टर और देशों में पैसा लगाकर जोखिम को कम किया जा सकता है जो अमीरों की निवेश रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

AIFs बन रहे हैं नया ट्रेंड

2024 तक भारत में AIFs में ₹11.35 लाख करोड़ से ज़्यादा का निवेश हो चुका है। यह दर्शाता है कि अब अमीर लोग अपने निवेश को ज़्यादा प्रोफेशनल, वैरायटी भरा और रिसर्च-बेस्ड बना रहे हैं ताकि वे अधिकतम रिटर्न हासिल कर सकें और अपनी संपत्ति को तेज़ी से बढ़ा सकें। यह बदलती निवेश रणनीति आम निवेशकों के लिए भी सीखने लायक कई सबक देती है खासकर विविधीकरण और नए अवसरों की पहचान के मामले में।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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