फोन में इस नोटिफिकेशन अलर्ट्स को रखें ऑन, ताकि भारत-पाक संकट में मिले हर अपडेट समय पर

punjabkesari.in Saturday, May 10, 2025 - 02:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अफवाहों और झूठी खबरों की रफ्तार भी बढ़ गई है। ऐसे हालात में लोगों के बीच डर, भ्रम और बेचैनी फैलाना बेहद आसान हो जाता है। लेकिन अगर आप अपने स्मार्टफोन की एक जरूरी सेटिंग को एक्टिव कर लें, तो सरकारी एजेंसियों से मिलने वाली सही और समय पर जानकारी आपको सच और झूठ में फर्क करने में मदद कर सकती है। बस अपने फोन में नोटिफिकेशन अलर्ट्स ऑन करें और गलत सूचना की इस जंग में एक जिम्मेदार नागरिक बनें। जानिए कैसे यह छोटा-सा कदम बड़े संकट में बड़ी राहत बन सकता है।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Atul Yadav | AI Coach (@atuly)

सरकारी अलर्ट को करें एक्टिव – यही है सबसे भरोसेमंद सूचना स्रोत

आज हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यह फोन आपकी सुरक्षा का हथियार भी बन सकता है, अगर आप इसका सही इस्तेमाल करें।

Android फोन में:
सेटिंग > सुरक्षा और आपातकाल > वायरलेस आपातकालीन अलर्ट में जाएँ। यहां से सभी उपलब्ध अलर्ट चालू करें। इससे ज़रूरी और सत्यापित चेतावनियाँ सीधे आपके फोन पर मिलेंगी।

iPhone में:
सेटिंग्स > नोटिफिकेशन > नीचे स्क्रॉल करें और 'सरकारी अलर्ट' या 'टेस्ट अलर्ट' को ऑन करें।

ये अलर्ट केवल विश्वसनीय सरकारी एजेंसियों द्वारा भेजे जाते हैं, जिससे आप अटकलबाज़ी और ग़लत सूचनाओं से बच सकते हैं।

खबर वायरल हो रही है तो शेयर करने से पहले रुकिए, जांच कीजिए

भारत-पाकिस्तान से जुड़ी खबरें अक्सर बड़ी जल्दी वायरल हो जाती हैं। कोई वीडियो, फोटो या मैसेज आपको भावुक या गुस्से में कर सकता है, लेकिन पहले दो मिनट रुकिए और पुष्टि कीजिए।

इन स्रोतों पर भरोसा करें:

  • PIB (Press Information Bureau): भारत सरकार की आधिकारिक सूचना एजेंसी है।

  • SACHET पोर्टल: गलत सूचनाओं से बचने के लिए खासतौर पर बनाया गया प्लेटफॉर्म है।

शक है तो रिपोर्ट करें:
अगर कोई मैसेज, वीडियो या फोटो आपको भ्रामक लगता है, तो आप उसे PIB फैक्ट चेक को WhatsApp करें – 8799711259 पर, या socialmedia@pib.gov.in पर मेल करें।

हर वीडियो या फोटो सच नहीं होता – विज़ुअल को ऐसे करें जांच

सोशल मीडिया पर चलने वाले वीडियो, फोटो या ऑडियो अक्सर एडिट किए गए या पुराने होते हैं जिन्हें नया रूप देकर फैलाया जाता है। खासकर भारत-पाक तनाव जैसे मामलों में यह और तेज़ी से होता है।

डीपफेक से रहें सावधान:
आजकल की तकनीक से बनाए गए वीडियो इतने असली लगते हैं कि आम आंखें धोखा खा जाएं। अगर किसी के चेहरे की हरकतें, आवाज और होठों की तालमेल न खाती हो या रोशनी अजीब लगती हो, तो वह वीडियो डीपफेक हो सकता है।

रिवर्स सर्च करें:
Google Images पर जाकर किसी फोटो का रिवर्स इमेज सर्च करें। इससे पता चल सकता है कि फोटो पुराना है या किसी और घटना से जुड़ा है।

टाइमस्टैम्प की जांच करें:
वीडियो कब बनाया गया, किस लोकेशन पर था – इसकी जांच ज़रूरी है।

किन साइट्स से जानकारी लें और किनसे बचें?

जब मामला देश की सुरक्षा का हो, तो सूचना का स्रोत उतना ही ज़रूरी हो जाता है जितनी सूचना खुद।

विश्वसनीय स्रोत:

  • PIB

  • रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट

  • भारतीय सेना का आधिकारिक बयान

  • CNBC-TV18, DD News जैसे प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल और वेबसाइट्स

इनसे बचें:

  • अनजान वेबसाइट्स जिनके नाम अजीब या भड़काऊ हों

  • ऐसे सोशल मीडिया हैंडल जिनकी पुष्टि नहीं हुई हो

  • ग्रुप मैसेज और फॉरवर्ड जिनका कोई स्रोत न हो


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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