Sanchar Saathi App के क्या हैं फायदे? सरकार क्यों चाहती है सभी स्मार्टफोन में हो इंस्टॉल, जानें हर एक डिटेल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 10:33 AM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने देश में मोबाइल साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब सभी नए स्मार्टफोन में ‘Sanchar Sathi’ ऐप पहले से इंस्टॉल होना अनिवार्य होगा। इस ऐप को यूजर न तो हटा पाएंगे और न ही बंद कर पाएंगे।
क्या है Sanchar Sathi ऐप
‘संचार साथी’ ऐप उपयोगकर्ताओं को चोरी या खोए हुए मोबाइल को ट्रैक और ब्लॉक करने की सुविधा देता है। यह मोबाइल का IMEI नंबर (15 अंकों का यूनिक कोड) इस्तेमाल करता है, जिससे फोन की पहचान और नेटवर्क पर प्रमाणीकरण आसान होता है। इसके अलावा, ऐप उपयोगकर्ताओं को संदिग्ध कॉल और मैसेज की शिकायत करने और पुलिस को चोरी हुए या खोए हुए फोन ट्रेस करने में मदद करता है।
Sanchar Sathi ऐप कैसे काम करता है?
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चोरी या खोए फोन को ब्लॉक करें: ऐप के जरिए यूजर अपने खोए या चोरी हुए फोन को देश के किसी भी नेटवर्क पर ब्लॉक कर सकते हैं। पुलिस या अन्य अधिकारियों को फोन ट्रेस करने की सुविधा भी मिलती है।
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फ्रॉड कॉल और मैसेज रिपोर्ट करें: ऐप में ‘चकshu फीचर’ है, जिससे धोखाधड़ी वाले कॉल, SMS या WhatsApp मैसेज सीधे अधिकारियों को रिपोर्ट किए जा सकते हैं।
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कनेक्शन की जांच: यूजर अपने नाम पर रजिस्टर्ड सभी मोबाइल नंबर देख सकते हैं और किसी अनजान या गैरकानूनी नंबर को रिपोर्ट कर सकते हैं।
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फोन की असली पहचान (KYM): स्मार्टफोन के IMEI नंबर की मदद से फोन की ऑथेंटिसिटी और असली पहचान जांची जा सकती है।
पुराने और नए फोन दोनों में होगा लागू
दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को तीन महीने का समय दिया है। नए फोन में ऐप पहले से इंस्टॉल होगा, जबकि पहले से बिके फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए ऐप उपलब्ध कराया जाएगा।
कौन-कौन सी कंपनियों पर असर होगा?
इस आदेश का असर Apple, Samsung, Xiaomi, Oppo और Vivo जैसी बड़ी कंपनियों पर पड़ेगा। यह निर्देश उन कंपनियों को चुनौतियों के सामने भी खड़ा कर सकता है, क्योंकि Apple जैसी कंपनियों की नीति रही है कि बिना यूजर की मंजूरी के कोई ऐप इंस्टॉल न किया जाए।
ऐप की सफलता
संचार साथी ऐप जनवरी 2025 में लॉन्च हुआ था और अब तक 50 लाख से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं। सरकार के अनुसार, इस ऐप के जरिए 37 लाख चोरी या खोए हुए फोन ब्लॉक किए जा चुके हैं और 22 लाख से ज्यादा फोन ट्रेस किए जा चुके हैं। सरकार का दावा है कि यह कदम मोबाइल सुरक्षा को मजबूत करने और फर्जी मोबाइल कनेक्शन और फ्रॉड से निपटने में मदद करेगा।
