Life और Health इंश्योरेंस का प्रीमीयम हो जाएगा कम...नितिन गडकरी ने अपनी सरकार से की GST हटाने की मांग
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2024 - 01:41 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस पर से 18% GST हटाने की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इनसे GST हटाने से लोग अधिक संख्या में बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
बता दें कि 54th gst council meeting अगस्त के तीसरे हफ्ते हो सकती है और इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि गडकरी द्वारा पेश किए गए मेडिकल इंश्योरेंस पर से 18% GST हटाना मंजूर किया जाए या नहीं। अगर फाइनेंस मिनिस्टर गडकरी के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा देती है तो बता दें कि दोश के करोड़ों लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस करना आसान हो जाएगा और इसका प्रीमियम भी कम हो जाएगा।
मेडिकल इंश्योरेंस पर GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) हटाने से कई प्रभाव पड़ सकते हैं:
प्रीमियम में कमी: मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम में कमी आएगी, जिससे अधिक लोग इसे खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
सस्ती सेवाएं: अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में कमी हो सकती है, जिससे चिकित्सा सेवाएं अधिक सस्ती हो जाएंगी।
स्वास्थ्य सुरक्षा: अधिक लोग इंश्योरेंस खरीद पाएंगे, जिससे समग्र जनसंख्या की स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ेगी।
इसके अलावा उदाहरण के तौर पर मेडिकल इंश्योरेंस पर 18% GST हटाने से बीमा पॉलिसी प्रीमियम में 18% की सीधी बचत होगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी पॉलिसी का प्रीमियम 10,000 रुपये है, तो वर्तमान में 18% जीएसटी के साथ कुल लागत 11,800 रुपये हो जाती है। GST हटाने के बाद, वही पॉलिसी 10,000 रुपये में ही उपलब्ध होगी, जिससे 1,800 रुपये की बचत होगी। इससे पॉलिसीधारकों को आर्थिक राहत मिलेगी और अधिक लोग बीमा कवरेज लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
बता दें कि गडकरी द्वारा वित्तमंत्री को लिए पत्र में लिखा गया है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है। उन्होंने कहा, "संघ का मानना है कि जो व्यक्ति परिवार को कुछ सुरक्षा देने के लिए जीवन की अनिश्चितताओं के जोखिम को कवर करता है, उससे इस जोखिम के लिए कवर खरीदने के प्रीमियम पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी तरह, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी इस व्यवसाय के विकास के लिए बाधक साबित हो रहा है, जो सामाजिक रूप से आवश्यक है। इसलिए, उन्होंने बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को वापस लेने का आग्रह किया है।"