धन सिमट रहा चंद हाथों में, गांव और गरीब छूट रहे पीछे: नितिन गडकरी का बड़ा बयान
punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 08:00 PM (IST)

National Desk : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान देश में बढ़ती आर्थिक असमानता को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे देश में गरीबों की संख्या बढ़ रही है और धन केवल कुछ अमीर लोगों के हाथों में सिमटता जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक स्थिति है। गडकरी ने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित करने की आवश्यकता है जिससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा हों और ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास हो सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देश को ऐसा आर्थिक मॉडल अपनाने की जरूरत है, जो समावेशी हो और जिसमें धन का विकेंद्रीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
आर्थिक असमानता पर क्या बोले गडकरी
अपने भाषण में गडकरी ने कृषि, विनिर्माण, कराधान और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में संतुलन लाने की बात की और कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र का योगदान 52-54 प्रतिशत है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 22-24 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र का मात्र 12 प्रतिशत है। यह असमानता इसलिए भी चिंता का विषय है क्योंकि कृषि क्षेत्र पर देश की 65 से 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी निर्भर है।
भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में भी बात की
गडकरी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि अब उनकी भूमिका सिर्फ आयकर रिटर्न दाखिल करने या जीएसटी भरने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि वे देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में एक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे एक ऐसे आर्थिक विकल्प पर विचार कर रहे हैं जो रोजगार निर्माण और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन स्थापित कर सके। गडकरी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों पी. वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह की आर्थिक उदारीकरण की नीतियों की सराहना करते हुए यह भी चेतावनी दी कि यदि केंद्रीकरण पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो यह विकास के लिए बाधक बन सकता है।