अब भारतीय मसालों को मिलेगा ग्लोबल तड़का, शुरू हुई SPICED योजना

punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 03:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क। मसाला बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी योजना, "निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, नवीन और सहयोगात्मक हस्तक्षेपों के माध्यम से मसाला क्षेत्र में स्थिरता (SPICED)" की शुरुआत की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय मसाला क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाना, नवाचार को बढ़ावा देना और निर्यात विकास को गति देना है।

योजना का लक्ष्य और मुख्य बिंदु

यह योजना भारतीय मसालों को वैश्विक बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कई घटकों में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • उत्पादकता में वृद्धि: छोटी और बड़ी इलायची की उत्पादकता बढ़ाना।
  • गुणवत्ता में सुधार: कटाई के बाद की प्रक्रियाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाना।
  • मूल्य-वर्धित उत्पादों को प्रोत्साहन: मूल्य-वर्धित, जीआई-टैग (भौगोलिक संकेत) और जैविक मसालों के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देना।
  • वैश्विक मानकों का पालन: वैश्विक खाद्य सुरक्षा और फाइटोसैनिटरी (पादप-स्वास्थ्य) मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करना।
  • क्षमता निर्माण: मूल्य श्रृंखला से जुड़े सभी हितधारकों की क्षमता को बढ़ाना।

 

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आवेदन की समय-सीमा

इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन 26 मई से शुरू होंगे।

  • मसाला निर्यातक योजना के निर्यात विकास एवं संवर्धन घटकों के तहत 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं।
  • किसान और कृषक उत्पादक संगठन (FPOs) अन्य श्रेणियों में विकास घटकों के तहत 30 सितंबर तक आवेदन जमा कर सकते हैं।

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किन गतिविधियों के लिए मिलेगी सहायता?

यह योजना किसानों और निर्यातकों को कई महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए समर्थन प्रदान करेगी:

  • बागानों का पुनरुद्धार: इलायची के पुराने बागानों की पुनः रोपाई और कायाकल्प।
  • जल संसाधन विकास: जल संसाधनों का विकास और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों को बढ़ावा देना।
  • जैविक खेती: जैविक खेती को बढ़ावा देना और अच्छी कृषि पद्धतियों (GAP) का विस्तार करना।
  • आधुनिक कटाई-पश्चात इंफ्रास्ट्रक्चर: आधुनिक ड्रायर, स्लाइसर, डीहुलर और ग्रेडिंग मशीनों जैसे बेहतर कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे की स्थापना में मदद।
  • आवश्यक मशीनरी की खरीद: किसानों और एफपीओ को मसाला पॉलिशर, हल्दी बॉयलर, पुदीना आसवन इकाई और थ्रेसिंग मशीन जैसी आवश्यक फसल-उपरान्त मशीनें खरीदने के लिए वित्तीय सहायता।

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निर्यात संवर्धन में सहयोग

निर्यात विकास और संवर्धन के तहत, यह योजना अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों, क्रेता-विक्रेता बैठकों और अन्य बाजार संपर्क कार्यक्रमों में भाग लेने में सहायता करती है। इसमें पहली बार निर्यात करने वाले छोटे व्यवसायों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे वैश्विक बाजारों में भारतीय मसालों का प्रदर्शन कर सकें।

यह योजना भारतीय मसाला उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और वैश्विक बाजार में इसकी पहचान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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