भारत की फार्मा इंडस्ट्री में अप्रैल में 7.8% की वृद्धि, सरकार ने बताया ‘स्मार्ट योजनाओं की सफलता’
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 04:12 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री वैश्विक मंच पर तेजी से आगे बढ़ रही है। यह विकास किफायती दवाओं, नवाचार और समावेशिता के बल पर हो रहा है। अप्रैल 2025 में इस क्षेत्र ने साल-दर-साल 7.8% की वृद्धि दर्ज की है, यह जानकारी इंडिया रेटिंग्स (Fitch ग्रुप का हिस्सा) ने दी है।
वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति:
- उत्पादन मात्रा के हिसाब से विश्व में तीसरे स्थान पर।
- मूल्य के आधार पर 14वें स्थान पर।
- जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा वैश्विक आपूर्तिकर्ता, जो दुनिया की 20% मांग पूरी करता है।
- यूनिसेफ की वैक्सीन ज़रूरतों का 55-60% भारत से आता है।
2023-24 में भारत के फार्मा सेक्टर ने ₹4,17,345 करोड़ का टर्नओवर हासिल किया, और पिछले 5 वर्षों से लगातार 10% से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखी है।
सरकारी योजनाओं का योगदान:
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP): देशभर में 15,479 जनऔषधि केंद्र, जहां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 80% तक सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना
- ₹15,000 करोड़: कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों की हाई-वैल्यू दवाओं के उत्पादन के लिए 55 प्रोजेक्ट्स को समर्थन।
- ₹6,940 करोड़: पेनिसिलिन G जैसे महत्वपूर्ण API (Active Pharmaceutical Ingredients) के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए।
- ₹3,420 करोड़: मेडिकल उपकरण जैसे MRI मशीन और हार्ट इम्प्लांट के स्थानीय उत्पादन के लिए।
- ₹3,000 करोड़: बुल्क ड्रग पार्क योजना – गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में विशाल दवा हब बनाए जा रहे हैं।
- ₹500 करोड़: फार्मा कंपनियों की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए लैब्स का उन्नयन और शोध को बढ़ावा देने वाली SPI योजना।
वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में भारत की अहम भूमिका:
WHO की 99% DPT वैक्सीन की आपूर्ति भारत से।
52% BCG वैक्सीन और 45% खसरा वैक्सीन का उत्पादन भारत करता है।
विदेशी निवेश में वृद्धि:
2023-24 में फार्मा क्षेत्र में ₹12,822 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हुआ। भारत में मेडिकल उपकरणों और नई फार्मास्युटिकल परियोजनाओं में 100% FDI की अनुमति है, जिससे यह क्षेत्र विदेशी कंपनियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है।
सरकार का दावा:
"दवाएं अब भारत में बन रही हैं – भारत के लिए और दुनिया के लिए। कम कीमत, उच्च गुणवत्ता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के साथ भारत फार्मा के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है।"