दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोलने के फैसले पर पर्यावरणविदों ने जताई चिंता

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 10:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता में सुधार के बाद बुधवार से प्राथमिक कक्षाओं को फिर से शुरू करने के दिल्ली सरकार के फैसले का विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने स्वागत किया है जबकि पर्यावरणविदों ने इस निर्णय को लेकर चेतावनी दी है। दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद नौ नवंबर से प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोलने का फैसला किया है। शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य अल्का कपूर ने कहा, ‘‘ महामारी के दौरान देश में स्कूलों को लंबे समय तक बंद रखा गया था।

इसके परिणामस्वरूप समग्र शिक्षा प्रणाली पहले ही काफी बाधित हो चुकी है। ऑफ़लाइन कक्षाओं से ऑनलाइन मोड में कक्षाओं का स्थानांतरण शिक्षकों और छात्रों द्वारा अच्छी तरह से अपनाया गया था। लेकिन, इस स्थिति ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला है। ''अल्का कपूर ने कहा, ‘‘अब बिगड़ती वायु गुणवत्ता के चलते स्कूलों का बंद होना शिक्षा व्यवस्था के लिए एक और झटका है। इसलिए, जैसे ही हवा की गुणवत्ता बेहतर होती है, स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करने के बाद फिर से खोलने के निर्णय को छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए सही दिशा में उठाए गए कदम के रूप में देखा जा सकता है।''

पैसिफिक वर्ल्ड स्कूल की प्रधानाचार्य पूजा बोस ने अल्का कपूर के विचारों के साथ सहमति जताते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण बच्चों के सीखने की प्रक्रिया का काफी नुकसान किया है, और स्कूल बंद होने से उनकी सीखने की क्षमता में गिरावट आई है। पूजा बोस ने कहा, ‘‘ऑनलाइन कक्षाएं कभी भी कक्षा में विद्यार्थियों की प्रत्यक्ष मौजूदगी के साथ सीखने की प्रक्रिया की जगह नहीं ले पाएंगी। मैं कई शिक्षाविदों और विद्वान पुरुषों और महिलाओं के तर्कों का सम्मान करने के लिए अधिकारियों की सराहना करती हूं।

दूसरी ओर, हमारे स्कूल में छात्र हितैषी उपायों को लागू किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एक सुरक्षित और स्वस्थ अध्ययन वातावरण में अध्ययन करें।'' हालांकि, पर्यावरणविद् विमलेन्दु झा ने कहा कि प्रतिबंधों को रद्द करना जल्दबाजी होगी क्योंकि हवा की अनुकूल गति के कारण वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ है और कुछ दिनों में यह ‘‘गंभीर'' श्रेणी में वापस आ जाएगी। विमलेन्दु झा ने कहा, ‘‘ यह बिना सोचे समझे लिया गया फैसला है और इस तरह के फैसले से बचना चाहिए। प्रतिबंधों को हटाना जल्दबाजी होगी।

सरकार को इसके बजाय स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए और प्रतिबंधों को रद्द करने से पहले कुछ समय देना चाहिए क्योंकि प्रदूषण की यह स्थिति लंबे समय तक रहेगी।'' पर्यावरणविद् ज्योति पांडे ने भी कुछ ऐसे ही विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार तुरत-फुरत उपाय कर रही है जबकि प्रदूषण के स्रोत को और उत्सर्जन को नियंत्रित करना चाहिए।


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News Editor

Parveen Kumar

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