दिल्ली की रात होगी कुछ पल के लिए अंधेरे में, मॉक ड्रिल के तहत 15 मिनट का ब्लैकआउट, जानें समय
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 07:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए राजधानी दिल्ली में एक अहम सुरक्षा अभ्यास किया जा रहा है। इसके तहत आज 7 मई की रात दिल्ली के कुछ हिस्सों में 15 मिनट का ब्लैकआउट किया जाएगा। यह ब्लैकआउट एक मॉक ड्रिल यानी अभ्यास के तहत किया जा रहा है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों को परखा जा सके।
कब और कितने समय के लिए होगा ब्लैकआउट?
आज रात यानी मंगलवार को यह मॉक ड्रिल शाम 8 बजे से 8.15 बजे तक आयोजित की जाएगी। इस दौरान दिल्ली नगर निगम (MCD) के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों की बिजली पूरी तरह से काट दी जाएगी। यानी करीब 15 मिनट तक पूरी दिल्ली अंधेरे में रहेगी।
क्यों किया जा रहा है यह मॉक ड्रिल?
इस ब्लैकआउट का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को परखना है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के इस समय में केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों ने यह अभ्यास इसीलिए जरूरी समझा ताकि दिल्ली जैसे संवेदनशील शहर में संकट के समय क्या और कैसी व्यवस्था हो, इसका वास्तविक मूल्यांकन किया जा सके। यह ड्रिल सिर्फ एक पूर्व तैयारी है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यदि कभी युद्ध या आतंकी खतरे की स्थिति बने तो बिजली, संचार और राहत व्यवस्थाओं का संचालन कैसा होगा।
लोगों को क्या करना चाहिए?
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शांति बनाए रखें और घबराएं नहीं।
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बिजली गुल होने से पहले अपने जरूरी काम निपटा लें।
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मोबाइल, टॉर्च और पावर बैंक को चार्ज करके रखें।
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बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखें ताकि अंधेरे में कोई परेशानी न हो।
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सड़क पर या खुले स्थान पर मौजूद लोग सतर्क रहें और जरूरत हो तो नजदीकी सुरक्षित स्थानों पर जाएं।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने साफ कहा है कि यह केवल एक मॉक ड्रिल है, असली आपदा नहीं। इस दौरान जनता से सहयोग मांगा गया है ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से कुशलता से निपटा जा सके।
साथ ही, यह भी कहा गया है कि इस अभ्यास में बिजली के अलावा अन्य सेवाएं जैसे पानी, पुलिस, एम्बुलेंस आदि पर असर नहीं पड़ेगा। सभी इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहेंगी। दिल्ली में होने वाला यह 15 मिनट का ब्लैकआउट कोई खतरे का संकेत नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदार प्रशासन की तैयारी का हिस्सा है। इस अभ्यास से यह तय किया जाएगा कि संकट की घड़ी में राजधानी कितनी तैयार है और कहां सुधार की जरूरत है।