आखिरकार एलन मस्क को टेकने पड़े भारतीय-अमेरिकी के सामने घुटने...देंगे इतना हर्जाना
punjabkesari.in Wednesday, May 03, 2023 - 03:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: टेस्ला के सीईओ और ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) को आखिरकार आलोचक और स्वतंत्र शोधकर्ता भारतीय-अमेरिकी सिख रणदीप होथी के सामने झुकना ही पड़ा। मस्क रणदीप होथी द्वारा उनके खिलाफ दायर एक मानहानि मामले में सुलह के लिए 10,000 डॉलर देने पर सहमत हो गए हैं। मिशिगन विश्वविद्यालय में एशियाई भाषाओं और संस्कृतियों में डॉक्टरेट के छात्र होथी ने 2020 में मस्क के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अरबपति व्यवसायी ने उन पर टेस्ला कर्मचारियों को सक्रिय रूप से परेशान करने और लगभग मारने का झूठा आरोप लगाया था।
मार्च 2023 में एक लंबी लड़ाई के बाद मस्क ने होथी से मामले को निपटाने के लिए कहा। होथी ने एक बयान में मस्क के सुलह प्रस्ताव को स्वीकार करने की घोषणा करते हुए कहा, यह मामला प्रसिद्धि या पैसे की मांग के बारे में नहीं था। यह अपना पक्ष रखने के बारे में था, मुझे खुशी है कि आखिरकर में सही साबित हुआ। होथी ने कहा कि मैं यह केस अपने काम का बचाव करने और खुद को सही साबित करने के लिए लड़ रहा था, मुझे विश्वास है कि मैंने इसे पूरा कर लिया है। मस्क को बहुत-बहुत धन्यवाद। पिछले एक साल में उनके व्यवहार ने यह साफ कर दिया है कि उन्हें अपने हर शब्द और हर काम की समीक्षा करने की जरूरत है।
होथी 2018 की शुरुआत में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में टेस्ला के कैलिफोर्निया स्थित कारखाने में उत्पादन प्रक्रिया को देखा था। अप्रैल 2019 में टेस्ला ने होथी के खिलाफ एक निरोधक आदेश की मांग की। उसने आरोप लगाया कि होथी ने एक कर्मचारी को टेस्ला फैक्ट्री की पार्किंग में अपनी कार से मारा। होथी ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। जब होथी और उनकी कानूनी टीम ने कथित टक्कर का वीडियो सौंपने के लिए टेस्ला के खिलाफ अदालत से आदेश प्राप्त कर लिया तो टेस्ला ने जुलाई 2019 में अचानक अपना मुकद्दमा वापस ले लिया।
इसके बाद अगले महीने मस्क ने होथी पर सक्रिय रूप से परेशान करने और टेस्ला के कर्मचारियों को लगभग मारने (ING) का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्टर को ई-मेल किया। मस्क के आरोपों के व्हिसलब्लोअर, शोधकर्ताओं, पत्रकारों और आलोचकों सहित सभी वर्ग से होथी के लिए समर्थन आने लगे। होथी ने अगस्त 2020 में मानहानि का मुकद्दमा किया। मस्क ने यह तर्क देकर मामले को निपटाने का प्रयास किया कि उनके आरोप संरक्षित भाषण थे और इसलिए कैलिफोर्निया के एंटी-एसएलएपीपी कानून के तहत खारिज कर दिया जाना चाहिए।