घर में प्रेग्नेंट पत्नी और दो छोटे बच्चे...बाॅर्डर पर पाकिस्तानी गोलियों के सामने शहीद हो गया लांस नायक दिनेश
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 07:42 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत की ओर से हाल ही में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंक के अड्डों को जड़ से हिलाकर रख दिया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में घुसकर भारतीय वायुसेना और थलसेना ने एक सटीक और संयुक्त कार्रवाई करते हुए 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। अपनी बौखलाहट में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर जम्मू-कश्मीर के पुंछ, कुपवाड़ा और तंगधार जैसे संवेदनशील इलाकों में अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी।
इस हमले में देश ने अपना एक और बहादुर सपूत खो दिया - लांस नायक दिनेश कुमार, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दे दी। सेना की ‘व्हाइट नाइट कॉर्प्स’ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उनके बलिदान की जानकारी दी और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
#GOC and all ranks of #WhiteKnightCorps salute the supreme sacrifice of L/Nk Dinesh Kumar of 5 Fd Regt, who laid down his life on 07 May 25 during Pakistan Army shelling.
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) May 7, 2025
We also stand in solidarity with all victims of the targeted attacks on innocent civilians in #Poonch Sector.…
कौन थे लांस नायक दिनेश कुमार?
हरियाणा के पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव निवासी दिनेश कुमार भारतीय सेना की 5 फील्ड रेजीमेंट में तैनात थे। जब पाकिस्तानी सेना ने पुंछ सेक्टर में गोलाबारी की, तो दिनेश और उनके साथी तुरंत जवाब देने के लिए मोर्चे पर डट गए। इसी दौरान एक मोर्टार का गोला उनके पास आकर गिरा और धमाके में वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके साथ चार अन्य जवान भी इस हमले में घायल हुए। सभी को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दिनेश कुमार ने इलाज के दौरान वीरगति प्राप्त कर ली।
11 साल की निष्ठावान सेवा
दिनेश ने 2014 में भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने सैन्य जीवन की शुरुआत की थी। बीते 11 वर्षों में उन्होंने कई महत्वपूर्ण स्थानों पर सेवाएं दीं। हाल ही में उनकी पदोन्नति हुई थी और उन्हें पुंछ में तैनात किया गया था, जहां उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
परिवार में देशभक्ति की परंपरा
दिनेश का परिवार भी देशभक्ति की मिसाल है। उनके चार छोटे भाइयों में से दो - कपिल और हरदत्त - सेना में हैं और अग्निवीर योजना के तहत सेवा दे रहे हैं। एक भाई विष्णु खेती करता है, जबकि पुष्पेंद्र पढ़ाई कर रहा है। दिनेश के एक भाई की पोस्टिंग जम्मू में है, जबकि दूसरा जबलपुर में तैनात है।
शोक में डूबा परिवार
शहीद की पत्नी सीमा पेशे से वकील हैं और इस समय गर्भवती हैं। उनके दो छोटे बच्चे - एक बेटा और एक बेटी - हैं, जो पलवल में ससुराल में रहते हैं। सेना ने परिवार को दिनेश की शहादत की सूचना दे दी है, और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
अंतिम विदाई की तैयारी
गांव मोहम्मदपुर अब अपने सपूत के अंतिम दर्शन की तैयारी में जुटा है। हर घर की आंखें नम हैं, लेकिन गर्व भी उतना ही है कि उनका बेटा, भाई और पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ।