डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स क्यों घटते हैं? एक्सपर्ट्स से जानिए क्या है इसके पिछे की वजह
punjabkesari.in Sunday, Aug 03, 2025 - 08:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti) नामक मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर दिन के समय, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय अधिक सक्रिय होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, डेंगू का वायरस तब फैलता है जब कोई संक्रमित व्यक्ति मच्छर को काटता है और फिर वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है। यह वायरस चार प्रकार (DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4) के हो सकते हैं और मानसून व उसके बाद के नम मौसम में इसका प्रकोप अधिक होता है।
डेंगू संक्रामक नहीं, लेकिन खतरनाक जरूर
डेंगू सीधे व्यक्ति-से-व्यक्ति नहीं फैलता, बल्कि मच्छर के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। यह बीमारी शरीर की इम्यूनिटी को प्रभावित करती है और प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम करने लगती है। डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द और स्किन पर चकत्ते शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम का रूप ले सकता है, जिसमें ब्लड प्रेशर गिरने लगता है और आंतरिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) का खतरा बढ़ जाता है।
विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों में इसका खतरा अधिक रहता है, क्योंकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर होती है। समय पर इलाज न होने की स्थिति में डेंगू जानलेवा भी साबित हो सकता है।
प्लेटलेट्स क्यों होती हैं कम?
दिल्ली नगर निगम (MCD) से संबद्ध डॉ. अजय कुमार के अनुसार, डेंगू वायरस शरीर में पहुंचते ही प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से कम करना शुरू कर देता है। प्लेटलेट्स खून में मौजूद वे सेल्स होते हैं, जो चोट लगने पर खून को जमाने में मदद करते हैं। डेंगू वायरस इम्यून सिस्टम को भ्रमित कर देता है, जिससे शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाएं (इम्यून सेल्स) अपनी ही प्लेटलेट्स को नुकसान पहुंचाने लगती हैं।
इसके अलावा, वायरस बोन मैरो को भी प्रभावित करता है, जहां प्लेटलेट्स बनते हैं, जिससे उनका निर्माण धीमा हो जाता है। ब्लड वेसल्स के क्षतिग्रस्त होने से प्लेटलेट्स खून की धमनियों से लीक होकर शरीर के अन्य भागों में जमा हो जाती हैं, जिससे खून में इनकी संख्या और कम हो जाती है। अगर प्लेटलेट काउंट बहुत नीचे चला जाए, तो नाक, मसूड़ों, पेशाब या मल में खून आने की स्थिति बन सकती है। इसलिए डेंगू के दौरान नियमित रूप से प्लेटलेट काउंट की निगरानी जरूरी मानी जाती है।
डेंगू से बचाव के प्रभावी उपाय
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घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
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शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
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मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, कॉइल और स्प्रे का प्रयोग करें।
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दरवाजों और खिड़कियों पर मच्छरदानी या नेट लगाएं।
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संतुलित और पोषक आहार लें जिससे इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे।
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बुखार या डेंगू के किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।