Bajaj के लिए घिरे संकट के बादल, EV प्रोडक्शन बंद करने की आ सकती है नौबत, जानिए इसके पिछे की वजह
punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 06:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क : देश की प्रमुख ऑटो कंपनी बजाज ऑटो को बड़ा झटका लग सकता है। कंपनी के एमडी राजीव बजाज ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो अगस्त 2025 से कंपनी को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बंद करना पड़ सकता है। इस समस्या की मुख्य वजह चीन है, जिसने रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक मोटर बनाने के लिए अत्यंत आवश्यक कच्चा माल होते हैं। इनके बिना इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करना कठिन हो जाएगा।
रेयर अर्थ मैग्नेट्स की कमी से उत्पादन ठप होने का खतरा
बजाज ऑटो वर्तमान में अपने Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर और हाल ही में लॉन्च किए गए GoGo ई-रिक्शा का उत्पादन कर रही है। लेकिन चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई बंद हो जाने से EV मोटर बनाने वाली सामग्री की कमी होने लगी है। कंपनी का कहना है कि यदि वर्तमान स्टॉक खत्म हो गया और वैकल्पिक सप्लाई नहीं मिली, तो अगस्त 2025 ‘जीरो प्रोडक्शन मंथ’ साबित हो सकता है।
राजीव बजाज ने सरकार से मांगी मदद
राजीव बजाज ने इस गंभीर समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि EV में उपयोग होने वाले मैग्नेट्स का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा चीन से आता है। चीन की नई निर्यात नीति की वजह से न केवल बजाज बल्कि कई अन्य भारतीय ऑटो कंपनियों की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लें और नीति में स्थिरता व स्पष्ट दिशा दें ताकि देश में समाधान खोजा जा सके या नए सप्लायर जल्दी उपलब्ध हो सकें।
केवल बजाज ही नहीं, TVS और Ather भी प्रभावित
बजाज के अलावा अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता जैसे TVS और Ather Energy भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। सप्लाई में दिक्कतों के कारण ये कंपनियां भी अपने उत्पादन को धीरे-धीरे कम कर रही हैं। अगर जल्दी समाधान नहीं निकला तो ग्राहकों को न केवल EV की उपलब्धता कम होने का असर दिखेगा, बल्कि कीमतों में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
रेयर अर्थ मैग्नेट्स का महत्व
रेयर अर्थ मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए बेहद जरूरी होते हैं, खासतौर पर मोटर चलाने के लिए। इन मैग्नेट्स का उत्पादन कुछ ही देशों में होता है, जिनमें चीन सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। चीन द्वारा निर्यात पर रोक लगाने से पूरी दुनिया की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण कंपनियों की सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है।