भारत में इन देशों का झंडा फहराना मतलब मुसीबत को दावत देना, क्या है इसके पिछे की वजह जानिए
punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 09:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत में राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे का सम्मान सर्वोपरि है। यह देश की आन, बान और शान का प्रतीक है, जिसे लेकर संविधान और कानूनों में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ विदेशी देशों के झंडे सार्वजनिक रूप से फहराना न केवल अनुचित माना जाता है, बल्कि इस पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
किन देशों के झंडे फहराने पर है मनाही?
हालांकि भारतीय कानूनों में विदेशी झंडा फहराने को लेकर कोई सीधा प्रतिबंध नहीं है, लेकिन बिना सरकारी अनुमति के किसी भी विदेशी राष्ट्र का झंडा फहराना गैरकानूनी हो सकता है। विशेषकर पाकिस्तान, चीन जैसे देशों के झंडे फहराना बेहद संवेदनशील विषय माना जाता है, क्योंकि इन देशों के साथ भारत के कूटनीतिक और सीमा संबंधों में लंबे समय से तनाव बना हुआ है। अगर कोई नागरिक इन देशों के झंडे सार्वजनिक रूप से फहराता है, तो इसे राष्ट्रीय एकता और अखंडता के खिलाफ कार्य माना जाता है।
क्यों लगाया जाता है प्रतिबंध?
यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है। कुछ देशों के झंडे फहराने से सामाजिक तनाव, सांप्रदायिक तनाव या हिंसा भड़कने की आशंका रहती है, खासकर उन क्षेत्रों में जो पहले से संवेदनशील माने जाते हैं। भारतीय झंडा संहिता 2002 (Flag Code of India) और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत किसी भी ऐसे कार्य पर रोक है जो राष्ट्र की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। इन प्रावधानों के अनुसार, बिना अनुमति के किसी विदेशी देश का झंडा फहराना कानून का उल्लंघन माना जाता है।
क्या हो सकती है सजा?
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर या अनजाने में किसी प्रतिबंधित देश का झंडा फहराता है, तो पुलिस कार्रवाई संभव है। इसमें:
झंडे को जब्त करना
व्यक्ति को हिरासत में लेना
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आपराधिक मामला दर्ज करना शामिल हो सकता है।
कहां की जा सकती है छूट?
दूतावास, राजनयिक मिशन, और सरकारी अनुमति प्राप्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में संबंधित देश का झंडा फहराया जा सकता है, लेकिन इसके लिए भारत सरकार से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है।