दिल्ली सरकार का प्रदूषण पर बड़ा फैसला: कल से इस राज्य के प्राइमरी स्कूल रहेंगे बंद

punjabkesari.in Friday, Nov 04, 2022 - 12:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने आज एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदूषण सिर्फ दिल्ली की समस्या नही है, उत्तर भारत के कई शहरों में हवा सीवियर केटेगरी में है। सीएम ने कहा कि  हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, राजस्थान के शहरों के अलावा कानपुर और बिहार के मोतिहारी में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है।. ये समय एक दूसरे को गाली देने या राजनीति करने का नहीं है। हम मानते है पंजाब में पराली जल रही है, इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं है, हमारी सरकार है, हम जिम्मेदारी लेते हैं।

इसके साथ ही केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए शनिवार से प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की। उन्होंने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि बिगड़ती वायु गुणवत्ता और प्रदूषण का स्तर पूरे उत्तर भारत की समस्या है और केंद्र को इसके समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय दोषारोपण और राजनीति का नहीं, बल्कि समस्या का समाधान खोजने का है। केजरीवाल या पंजाब सरकार को दोष देने से कुछ नहीं होगा।’’

शहर में शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। केजरीवाल ने घोषणा की कि शनिवार से शहर में प्राथमिक स्कूल बंद रहेंगे और स्कूलों में पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के छात्रों की खुले में खेल गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि  हम वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं।

प्रेसवार्ता के दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। केजरीवाल ने स्वीकार किया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की जिम्मेदारी उनकी पार्टी की है क्योंकि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, चूंकि, पंजाब में हमारी सरकार है इसलिए पराली जलाने की घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार हैं। हमें वहां सरकार बनाए केवल छह महीने हुए हैं और कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है। हम हल ढूंढ रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हमें एक साल का समय दें।

वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में धान की भारी पैदावार के चलते पराली की मात्रा और बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के खेतों में पराली को दबाने के लिए 1.20 लाख मशीन तैनात की गई हैं। ग्राम पंचायतों ने पराली नहीं जलाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किए हैं।

भगवंत मान ने कहा कि किसान पराली नहीं जलाना चाहता, लेकिन धान-गेहूं के फसल के बीच महज कुछ दिनों का गैप होता है, इतने कम समय मे वे खेतों से पराली हटा नहीं सकते। उनके पास कोई उपाय नहीं है, सिर्फ हाथ मे माचिस की तिल्ली है।  हमने पंचायतों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रोत्साहित किया है लेकिन  पराली जलने की जिम्मेदारी मैं लेता हूं, हम मिल बैठकर इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।


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Content Writer

Anu Malhotra

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