भारी बारिश के कारण हुए नुकसान

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2023 - 07:33 PM (IST)

चंडीगढ़,22 मार्च -  (अर्चना सेठी)  हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाल ही में  ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का अब तक पोर्टल के माध्यम से  2720 गावों के 34064 किसानों ने 157557 एकड़ भूमि का खराबा बारे अवगत करवाया है। उन्होंने कहा कि 11 जिलों में वर्तमान में बारिश से रबी की फसलों में नुकसान हुआ है जिसका गिरदावरी करवाकर आंकलन किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री आज विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।

उप  मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2022 में ओलावृष्टि से फसल के हुए नुकसान की भरपाई के लिए 151.42 करोड रुपए तथा 2021 में भारी वर्षा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 614. 63 करोड रुपए और 2020 में खरीफ फसल के नुकसान के लिए 269.77 करोड रुपए  और रबी फसल के लिए 114.44 करोड़ रुपए किसानों को दिए गए हैं । इस प्रकार पिछले 2 साल में 1150.26 करोड रुपए किसानों को देने का कार्य किया है जो की यूपीए  सरकार के 10 साल के  बराबर है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवानी में वर्ष 2020 में रबी फसल के मुआवजे के रूप में 8.62 करोड रुपए तथा खरीफ फसल 2021 के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए 7.70 करोड रुपए भेजे गए है ।

उन्होंने कहा कि अब किसानों को चेक नहीं दिए जा रहे केवल बैंक ट्रांसफर की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है। इसलिए किसानों को अपना खाता अपडेट करवाना होगा। जैसे ही ट्रेजरी में किसान अपना खाता अपडेट करवाएंगे उनके खाते में पैसा चला जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2010 से लेकर 2015  तक 1000 करोड़ रूपया ट्रेजरी मे पड़ा हुआ है, किसान क्लेम लेने के लिए नहीं आते । यदि किसान इस पैसे को लेने नहीं आते तो उसे किसानों के उत्थान में ही खर्च कर दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत भी 5657.02 करोड़ रुपए खरीफ 2016 से रबी 2021-22 तक का पैसा अलग से किसानों के खाते में भेजा गया है।

एक अन्य जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महेंद्रगढ़ में पाले से खराब हुई फसलों 628 हेक्टेयर गेहूं व 1009 हेक्टेयर सरसों, कनीना में 6200 हेक्टेयर गेहूं तथा 6933 हेक्टेयर सरसों, नांगल चौधरी में 537 हेक्टेयर सरसों तथा नारनौल में 115  हेक्टेयर गेहूं के खराबी हुई है। इसके अलावा 18 से 22 मार्च को हुई बरसात के हुए नुकसान की स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं जिसका किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के हर किसान की इंच इंच भूमि की नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। एक अन्य जवाब में उन्होंने कहा कि पटौदी व फरुखनगर में हुए नुकसान की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।

 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि प्रधान राज्य में सरकार हमेशा किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए अपनी जिम्मेदारी के प्रति सदैव तत्पर है। जब भी किसानों की फसलों को कोई नुकसान होता है तो सरकार द्वारा यथासमय मुआवजा दिया जाता है। सरकार सूखे, धूल भरी आंधी, भूकंप, आग शार्ट-सर्किट या बिजली की चिंगारी के कारण लगी आग, आसमानी बिजली, बाढ़, ओलावृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने, शीतलहर, पाला, लू तथा कीट हमलों से हुए फसल क्षति, पशुपालन नुकसान, मत्स्य नुकसान, हस्तशिल्प,हथकरघा नुकसान, आवास के लिए पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करती है। आग लगने की स्थिति में व्यक्तिगत संपत्ति के नुकसान के लिए राज्य आपदा प्रबंधन कोष से मुआवजा प्रदान किया जाता है।

 चौटाला ने कहा कि सरकार द्वारा बाढ़ , जलभराव, आग, बिजली की चिंगारी, भारी वर्षा, ओलावृष्टि, कीट हमले और धूल भरी आंधी के कारण होने वाले फसल नुकसान के लिए राज्य सरकार के मुआवजे के मानदंड भारत सरकार के मानदंडों की तुलना में अधिक है। उन्होंने बताया कि  33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल का नुकसान होने पर  75 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान होने पर 15000 रूपये प्रति एकड़,  75 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 12000 रूपये प्रति एकड़ और 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 9000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा प्रदान किया जाता है

इसके अलावा हर हिस्सेदार को न्यूनतम 500 रूपये बोये गये क्षेत्र तथा अधिकतम 5 एकड़ प्रति किसान सीमा के अधीन सहायता राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि 25 प्रतिशत से 33 प्रतिशत के बीच फसलों में हुए नुकसान के लिए पूर्ण मुआवजा राशि राज्य सरकार के बजट से वहन की जाती है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 26 अक्तूबर, 2014 से 28 फरवरी 2023 तक पिछले 8 साल के दौरान  विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, भारी वर्षा, जलभराव, आग, ओलावृष्टि, कीट हमले और शीत लहर, पाला से फसलों को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के रूप में  किसानों को  लगभग 3902.43 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की गई है।

 चौटाला ने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, हरियाणा सरकार की अधिसूचना 30 जुलाई 2019 के अनुसार प्रदेश में 01 फरवरी से 01 मार्च तक रबी फसलों की सामान्य गिरदावरी की जाती है। इस अवधि के दौरान यदि फसलों में कोई खराबा पाया जाता है तो उसे सामान्य गिरदावरी में ही कवर कर लिया जाता है।


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News Editor

Archna Sethi

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