विवादित बयान बढ़ा न दें ट्रंप की मुश्किलें

punjabkesari.in Monday, May 02, 2016 - 07:32 PM (IST)

अमरीका में राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में मजबूत स्थिति में पहुंच चुके रिपब्लिकन उम्मीदवार डोलाल्ड ट्रंप विवादित बयानों से बाज नहीं आ रहे हैं। अपनी इस आदत का कहीं उन्हें खामियाजा न भुगतना पड़े। इस सिलसिले में पहले भी विरोध हो चुका है और अब भी जारी है।  देश में उनके पुतले फूंके जा रहे हैं। अति आत्मविश्वासी डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ अरसा पहले फॉक्स न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में विवादित बयान दिया था कि दुनियाभर के चौथाई से भी ज्यादा मुस्लिम आतंकवादी हैं। इस पर जब उनसे कहा गया कि 160 करोड़ से ज्यादा मुस्लिमों में से सिर्फ एक लाख ही जिहादी हैं, तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता ये संख्या इतनी कम होगी। 

फिर वे कहने लगे कि कम से कम 27 फीसदी मुस्लिम आतंकी गतिविधियों से जुड़े हो सकते हैं। अगर युद्ध जैसी नौबत आई तो यह संख्या 35 फीसदी तक हो सकती है। इससे पहले भी ट्रंप अपने विवादित बयानों खासतौर पर मुस्लिम विरोधी बयानों से विवादों में रहे हैं। उन्होंने अपने राष्ट्रपति बनने पर अमरीका में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने की बात भी कही थी। कभी मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने का अजीब सा कारण दे चुके हैं। उनकी रैलियों से कई बार मुस्लिम और सिख समुदाय के लोगों से बदसलूकी के उदाहरण सामने आ चुके हैं। एक मुस्लिम महिला को ट्रंप की रैली से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया था। अब स्थिति यह हो गई कि लोग इन बयानों के प्रति अपना गुस्सा उनके पुतले जला कर कर रहे हैं।

मार्च 2016 में ट्रंप के बयानों के ​विरोध में मैक्सिको सिटी में उनके पुतले फूंके गए। ट्रंप ने एक बार मैक्सिको के लोगों के बारे में कहा था कि वे आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं और नशीले पदार्थों की खूब तस्करी करते हैं। वह अमरीका को मैक्सिको से लोगों बचाएंगे। इसलिए अमरीका में उनका प्रवेश रोकने के लिए वह राष्ट्रपति बनने के बाद सीमा पर दीवार बनवा देंगे। वहां से बलात्कारी अमरीका नहीं आ पाएंगे। ट्रंप के इस बयान का वहां जमकर विरोध हुआ। लोगों ने बर्निंग द जुडस कार्यक्रम का आयोजन करके ट्रंप का बड़ा सा पुतला फूंक कर अपना रोष जताया था। इस दौरान मौजूद लोगों ने जमकर तालियां बजाई थीं। हालांकि इस कार्यक्रम का आयोजन ईस्टर के उपलक्ष्य में ईसा मसीह को धोखा देेने वाले उनके शिष्य जुडस के प्रति अपना विरोध प्रकट करने के लिए किया गया था। लेकिन उस मौके पर शैतानी प्रतीकों का पुतला भी फूंका जाता है। इसके अलावा लोगों ने अमरीका के राष्ट्रपति ओबामा और मैक्सिकों के राष्ट्रपति और आतंकवादी संगठन आईएसआई का पुतला भी आग के हवाले किया था।

विश्व में 1 मई को मनाए जाने वाले मजदूर दिवस के अवसर पर लॉस एंजिलिस में  विशाल जुलूस निकाला गया। इस दौरान प्रदर्शन करने वालों ने डोनाल्ड ट्रंप के पुतले फूंके। इस मौके पर हर साल यहां मजदूरों और प्रवासियों की हालत पर जुलूस का आयोजन किया जाता है। कुछ दिन पहले अपने भाषण में ट्रंप ने अवैध रूप से अमरीका में रहने वाले प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने की बात की थी। जुलूस में उनके बयान की कड़ी आलोचना की गई। सिएटल में पुलिस पर पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला करने से हालात काफी बिगड़ने की खबर है।   
ट्रंप भारत और चीन पर आरोप चुके हैं कि ये दोनों अमरीकी लोगों से नौकरियां छीन रहे हैं। राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर वह ये नौकरियां वापस लाएंगे। अमेरीका को महान बनाने के नाम पर वे वादा कर चुके हैं कि भारत, चीन, जापान और मैक्सिको जैसे देशों से नौकरियां वापस लाएंगे। आईएसआईएस को उखाड़ फेकेंगे और ओबामा केयर को बदल देंगे। वे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन, हिलेरी क्लिंटन के बाथरूम ब्रेक पर भी विवादित बयान दे चुके हैं।

डोनाल्ड से तलाक ले चुकीं उनकी पहली पत्नी इवाना बचाव में उन्हें चीयरलीडर के नाम से संबोधित करती हैं। वे कहती हैं ट्रंप चुप नहीं रह सकते। वे बहुत बड़बोले हैं। वे राजनीतिज्ञ नहीं हैं। एक बिजनेसमैन हैं और जानते हैं कि कहां कैसे बोलना है। वे बिना नोट्स के बोल सकते हैं। इवाना बताती हैं कि उन्होंने 1989 में एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में ही कह दिया था कि वह अमरीका के महान राष्ट्रपति बनेंगे। वे ओबामा की तुलना में तुरंत निर्णय ले सकते हैं। उनके पास अच्छे सलाहकार भी हैं। इवाना तो पूर्व उनकी पत्नी हैं,लेकिन अमरीका मं चुनाव विशेषज्ञों में चर्चा हे कि कहीं उनके ये बयान छवि को नुक्सान न पहुंचा दें। उन्हें राजनीति का अनुभव भी नहीं हैं,ये बयान विरोधियों की संख्या में इजाफा न कर दें।


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