सीएम चंद्रशेखर राव ने PM मोदी से की मुलाकात, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को लेकर बनाया ये प्लान
punjabkesari.in Friday, Sep 03, 2021 - 08:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि राज्य में और अधिक जिलों के गठन के मद्देनजर वहां भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईपीएस) सेवा के अधिकारियों की संख्या बढ़ाई जाए। राव ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में मोदी से मुलाकात की और राज्य में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए 60:40 के अनुपात (राज्य का 60 प्रतिशत हिस्सा और केंद्र का 40 प्रतिशत हिस्सा) को दरकिनार करते हुए शत प्रतिशत वित्तपोषण की भी मांग की और कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे राष्ट्रीय महत्व के हैं।
Telangana CM K Chandrashekar Rao called on PM Narendra Modi in New Delhi earlier today pic.twitter.com/MSysjmRwIN
— ANI (@ANI) September 3, 2021
राव ने प्रधानमंत्री को सौंपे एक ज्ञापन में कहा, ‘‘आवंटन से अनेक क्षेत्रीय इकाइयों में आयुक्तों/पुलिस अधीक्षकों/पुलिस उप महानिरीक्षकों/पुलिस महानिरीक्षकों जैसे आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना में मदद मिलेगी। इस समय इन क्षेत्रीय इकाइयों के लिए काडर पदों की कोई स्वीकृत संख्या नहीं है।'' दिल्ली दौरे पर पहुंचे चंद्रशेखर राव ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी के कार्यालय का भूमि पूजन किया। वह एक सितंबर को यहां से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। चंद्रशेखर राव सरकार ने राज्य में 33 जिले बनाये हैं जिनकी संख्या पहले 10 थी। राव ने केंद्र से जिलों की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए 21 जवाहर नवोदय विद्यालय स्वीकृत करने का अनुरोध भी किया।
तेलंगाना में कपड़ा क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने मोदी से अनुरोध किया कि वारंगल टेक्सटाइल पार्क के लिए 1,000 करोड़ रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य में एक जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के काम को भी तेज करने का अनुरोध किया जिसका वादा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में किया गया है। राव ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके लिए वारंगल के पास 200 एकड़ भूमि चिह्नित कर ली है। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि राज्य में करीमनगर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की तरह सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत एक भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) स्वीकृत किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।